कांग्रेस क़ाइदीन दिल्ली पहुंच गए, ताहम टिकिटों की तक़सीम पर तजस्सुस बरक़रार है। 2014 के आम इंतिख़ाबात के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है, रायदेही के लिए सिर्फ़ 34 दिन बाक़ी रह गए हैं। मुक़ामी इदारों की इंतिख़ाबी मुहिम से ही सियासी सरगर्मीयां उरूज पर पहुंच चुकी हैं। दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी का इजलास मुनाक़िद हो रहा है, जब कि कांग्रेस टिकट के लिए मुतअद्दिद दावेदार हैं।
हाईकमान के पास अज़ला कांग्रेस कमेटीयों, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इलावा सीनियर क़ाइदीन की भी अलाहिदा अलाहिदा फ़ेहरिस्त पहुंच चुकी है। जिन असेंबली और पार्लीमानी हल्क़ों के लिए सिर्फ़ एक एक नाम है, इन हल्क़ों की पहली फ़ेहरिस्त को तक़रीबन क़तईयत दी जा चुकी है। सी पी आई से इत्तिहाद की सूरत में चंद मौजूदा अरकाने असेंबली को टिकिटों से महरूम होना पड़ सकता है।
साबिक़ रियास्ती वज़ीर मुहम्मद फ़रीद उद्दीन 2009 में हल्क़ा असेंबली अंबरपेट से मुक़ाबला कर चुके हैं, लेकिन इस मर्तबा वो हल्क़ा लोक सभा ज़हीराबाद से टिकट देने हाईकमान पर दबाव डाल रहे हैं, ताहम कांग्रेस हाईकमान मौजूदा अरकाने पार्लीयामेंट को ही दोबारा टिकट देने पर ग़ौर कर रही है।
कई साबिक़ रियास्ती वुज़रा और अरकाने असेंबली इस मर्तबा अपने फ़रज़न्दों या शरीके हयात को टिकट देने के लिए नुमाइंदगी कर रहे हैं, लेकिन हाईकमान ख़ानदान के सिर्फ़ एक ही फ़र्द को टिकट देने की पालिसी तैयार कर रही है। साथ ही अरकान राज्य सभा और अरकान क़ानूनसाज़ कौंसिल को टिकट देने के हक़ में भी नहीं है।