हैदराबाद 05 सितंबर: तेलंगाना की टी आर एस हुकूमत और हुक्मराँ जमात में अनक़रीब बड़े पैमाने पर रद्दोबदल का इमकान है जिसके पेश-ए-नज़र कई रियासती वुज़रा और सरकरदा पार्टी क़ाइदीन ख़ामोशी के साथ दम-ब-ख़ुद हैं और इस ख़ामोशी को इस तूफ़ान से पहले की ख़ामोशी समझा जा रहा है जो चीफ़ मिनिस्टर कालवा कनटला चन्द्रशेखर राव (के सी आर) दौरा चीन से वापसी या 23 सितंबर से शुरू होने वाले तेलंगाना असेंबली के मानसून मीटिंग के बाद अपना असर दिखाएगा।
वाज़िह रहे के चीफ़ मिनिस्टर के सी आर हालिया अरसे के दौरान कई मौक़ों पर अपनी काबीना और पार्टी में बड़े पैमाने पर रद्दोबदल के इशारे दे चुके हैं। जिसके पेश-ए-नज़र चंद वुज़रा को बरतरफ़ कर दिया जाएगा और नए चेहरों को काबीना में जगह दी जाएगी। मज़ीद बरआँ पार्टी सतह पर ड्रामाई तबदीलीयों के ज़िमन में कहा जा रहा हैके के सी आर अपनी दुख़तर और निज़ामबाद की रुकन लोक सभा के कवीता को टी आर एस की सरबराह मुक़र्रर कर सकते हैं।
बाज़ रियासती वुज़रा और पार्टी ज़िम्मेदारों की कारकर्दगी पर के सी आर मुख़्तलिफ़ मौक़ों पर नाख़ुशी का इज़हार भी कर चुके हैं। चीफ़ मिनिस्टर के दौरा चीन के बाद 23 सितंबर से तेलंगाना असेंबली के मानसून सेशन का आग़ाज़ होगा और इस के बाद ही काबीना और पार्टी की सतह पर रद्दोबदल का इमकान है।
के सी आर के क़रीबी ज़राए के मुताबिक़ कम से कम चार वुज़रा को काबीना से सबकदोश किया जा सकता है। जिनमें वज़ीर-ए-दाख़िला नाईनी नरसिम्हा रेड्डी , वज़ीर सयाहत अजमेरा चन्दूलाल और वज़ीर आबकारी टी पदमा राव भी शामिल हैं।
टी आर एस की तंज़ीमी सतह पर इमकानी सबसे बड़ी तबदीली में के कवीता को पार्टी की क़ियादत सौंपी जाएगी। के सी आर अगरचे इस कोशिशों में मसरूफ़ थे कि अपनी दुख़तर को किसी तरह मर्कज़ी नरेंद्र मोदी काबीना में जगह दिलाई जाये लेकिन एसा नहीं हो सका और फ़िलहाल उस के इमकानात भी नहीं हैं। चुनांचे वो कवीता को अहम तंज़ीमी ओहदे पर फ़ाइज़ करना चाहते हैं। क्युंकि के सी आर का ख़्याल हैके कवीता बिलख़सूस ख़वातीन और नौजवान तबक़ा में काफ़ी मक़बूलियत रखती हैं वो अवाम में जल्द घुल मिल जाती हैं। इंतेज़ामी सलाहीयतों की हामिल हैं और अपनी इन सलाहीयतों के ज़रीये टी आर एस को इबतेदाई सतह से मक़बूल-ओ-मज़बूत बना सकती हैं।