तारीख़ हैदराबाद खास्कर पुलिस एक्शण पर अथार्टी मानी जाने वाली शख़्सियत कैप्टन ईल पांडव रंगारेड्डी की किताब रियास्तों की तंज़ीम जदीद आंध्र प्रदेश का जायज़ा की आज रस्म इजरा अमल में आई।
तेलुगु यूनीवर्सिटी आडीटोरीयम में मुनाक़िदा तक़रीब में तेलंगाना के सीनीयर क़ाइद पी नरसा रेड्डी ने रस्म इजरा अंजाम दी। तेलंगाना के अवामी नुमाइंदों, समाजी, सहाफ़ती और वुकला बिरादरी से ताल्लुक़ रखने वाली कई अहम शख़्सियतों ने शिरकत की।
इस किताब में कैप्टन पांडव रंगारेड्डी ने आंध्र प्रदेश की तंज़ीम जदीद के अलावा पुलिस एक्शण की तारीख़ का वसीअ तौर पर अहाता किया है।
उन्होंने इस किताब में अपनी तहक़ीक़ के ज़रीयाये साबित किया कि निज़ाम हैदराबाद नवाब मीर उसमान अली ख़ां हैदराबाद रियासत के इंडियन यूनीयन में इंज़िमाम के वक़्त आज़ादाना मौक़िफ़ के हामी थे।
आसिफ़ साबह ने पाकिस्तान में शमूलीयत की ना कोशिश की और ना वो इस के हक़ में थे। पांडव रंगारेड्डी ने अपनी तहक़ीक़ के ज़रीये तेलंगाना के साथ हुई नाइंसाफ़ीयों और जद्द-ओ-जहद आज़ादी में हैदराबाद अकलियती की हिस्सेदारी के बारे में कई अहम इन्किशाफ़ात किए हैं।
जनाब ज़हीर उद्दीन अली ख़ां मैनेजिंग एडीटर सियासत ने साफ़ लफ़्ज़ों में तेलंगाना की क़ियादत पर नुक्ता चीनी की और अलाहिदा तेलंगाना रियासत के हुसूल में ताख़ीर के लिए तेलंगाना क़ियादत की नाकामी को ज़िम्मेदार क़रार दिया।
उन्होंने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत नेक नीयती के साथ तेलंगाना रियासत तशकील नहीं दे रही है बल्कि तेलंगाना रियासत की तशकील मर्कज़ और कांग्रेस पार्टी के लिए सियासी मजबूरी है।
तेलंगाना के एक हज़ार से ज़ाइद नौजवानों ने अपनी जान की क़ुर्बानी दी और अवाम ने क़ुर्बानीयों के साथ तवील जद्द-ओ-जहद की जिस के सबब मर्कज़ को तेलंगाना की तशकील के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि जद्द-ओ-जहद से जिस अंदाज़ से सोश्यल इंजीनीयरिंग का ढांचा तैयार हुआ है उसीका नतीजा है कि मर्कज़ी हुकूमत ने तेलंगाना की तशकील का फ़ैसला किया।
कैप्टन पांडव रंगाराव को इस तहक़ीक़ पर मुबारकबाद पेश करते हुए जनाब ज़हीर उद्दीन अली ख़ां ने कहा कि पांडव रंगाराव ना सिर्फ़ हैदराबाद के माया नाज़ सपूत हैं बल्कि वो हैदराबाद की गंगा जमुनी तहज़ीब की अलामत हैं।
उन्होंने अपनी तहक़ीक़ के ज़रीये पुलिस एक्शण के कई हक़ायक़ को मंज़रे आम पर लाने का जुरा॔तमनदाना इक़दाम किया है। ज़हीर उद्दीन अली ख़ां ने कहा कि किसी भी जद्द-ओ-जहद की कामयाबी के लिए नीयत का बड़ा दख़ल होता है।
क़याम-ए-पाकिस्तान की मिसाल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि अगरचे पाकिस्तान मज़हब की बुनियाद पर क़ायम किया गया लेकिन नीयत की सफ़ाई ना होने से वो नाकाम ममलिकत साबित हुआ है। इसी तरह आंध्र प्रदेश में तेलंगाना को ज़म करके तेलुगु रियासत तशकील दी गई लेकिन हुकमरानों की नीयतों में फ़तूर के बाइस ये भी नाकाम साबित हुई।