तेलंगाना केलिए जारी एहतिजाज से मोअस्सिर तौर पर निमटने का इद्दिआ

मुलाज़मीन को तनख़्वाहों की अदायगी के बारे में ऐडवोकेट जनरल से मुशावरत : चीफ़ मिनिस्टर

हैदराबाद 26 अक्टूबर (सियासत न्यूज़) चीफ़ मिनिस्टर मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने कहाकि उन के चीफ़ मिनिस्टर बनने के बाद से तेलंगाना तहरीक चल रही है लेकिन पुलिस ने अभी तक रबर की गोली भी नहीं चलाई। आम हड़ताल के बाइस हुकूमत ने 600 करोड़ रुपय के मसारिफ़ से बर्क़ी ग़ियास और कोयला ख़रीदा है। बर्क़ी कटौती से एक लाख अकऱ् अराज़ी पर ज़राअत को नुक़्सान पहुंचा है। हड़ताल करने वाले सरकारी एम्पलॉयज़ को तनख़्वाह देने का अभी कोई फ़ैसला नहीं किया गया है सिर्फ एडवांस्ड दिया जा रहा है। हाइकोर्ट में जी ओ 177 पर फ़ैसला होने के बाद तनख़्वाह अदा करने के मुआमले में क़तई फ़ैसला किया जाएगा। तेलंगाना के वुज़रा अपनी दस्तूरी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं। अरकान असैंबली में भी तबदीली देखी जा रही है। आज शाम एक टेलीविज़न पर अपना चीफ़ मिनिस्टर प्रोग्राम से ख़िताब करते हुए चीफ़ मिनिस्टर ने इन ख़्यालात का इज़हार किया। उन्हों ने सरकारी एम्पलॉयज़ ख़ानदान हुकूमत का एक हिस्सा है। हुकूमत हमेशा उन की भलाई के बारे में ग़ौर करेगी कभी नुक़्सान पहूँचाने की कोशिश नहीं करेगी। एम्पलॉयज़ की भी ज़िम्मेदारी है कि वो अवामी ख़िदमात को अपना फ़र्ज़ समझ कर अंजाम दें। अवाम का सरकारी मुलाज़मीन पर दबाओ बढ़ा और अवाम को पेश आने वाले मसाइल का जायज़ा लेने के बाद ही वो आम हड़ताल से दस्तबरदार हुए हैं। सरकारी मुलाज़मीन ने हड़ताल के दिनों की तनख़्वाहें अदा करने का मुतालिबा किया है लेकिन काम नहीं तो तनख़्वाह नहीं के जी ओ पर अमल आवरी होरही है जो उस वक़्त हाइकोर्ट में ज़ेर दौरान है। वो ऐडवोकेट जनरल से मुशावरत करेंगी। हाइकोर्ट के फ़ैसले के बाद ही क़तई फ़ैसला होगा। साथ ही वो जिन मुक़ामात पर नहीं थे ताहम उन पर मुक़द्दमात दर्ज करदिए गए हैं ऐसे मुक़द्दमात से दसतबरदारी इख़तियार करने से हुकूमत ने इत्तिफ़ाक़ किया है। तशद्दुद में मुलव्वस होने वालों के मुक़द्दमात का जायज़ा लिया जाय गा। तेलंगाना की तहरीक चलाने वालों ने आख़िरी लड़ाई का नारा देते हुए सरकारी एम्पलॉयज़ को उन के आम हड़ताल में शामिल होजाने से अलैहदा तेलंगाना रियासत क़ायम होजाने की तसल्ली देते हुए उन्हें हड़ताल में शामिल होने के लिए मजबूर किया है। उन्हों ने कहाकि हुकूमत जारीया साल के अवाख़िर डसमबर तक 1.16 लाख सरकारी मुलाज़मतें फ़राहम करने की निशानदेही की गई है। तालीम-ए-याफ़ता नौजवानों को मसरूफ़ रखने की वो अपनी हद तक हर मुम्किन कोशिश कररहे हैं। ऐसा करने से तेलंगाना का जो मुतालिबा है क्या वो ख़तन होजाएगा के सवाल का जवाब देते हुए मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने कहाकि इस का फ़ैसला तेलंगाना वालों को करना है और रियासत की तक़सीम का फ़ैसला करना मर्कज़ी हुकूमत और सयासी जमातों की ज़िम्मेदारी है। मैंने जल्द अज़ जल्द फ़ैसला करने का मर्कज़ से मुतालिबा किया है लेकिन मर्कज़ के लिए ये बड़ा पेचीदा मसला है क्योंकि एक तरफ़ अलैहदा रियासत का मुतालिबा है तो दूसरी तरफ़ मुत्तहिद रहने का मुतालिबा है। इत्तिफ़ाक़ राय पैदा होने पर कोई मसला नहीं है और साथ ही इस फ़ैसले का मुल़्क की दूसरी रियास्तों में भी असर पड़ सकता है।