तेलंगाना के हाजियों की वापसी का आग़ाज़, जज़बाती मनाज़िर

हैदराबाद 15 अक्टूबर: तेलंगाना हज कमेटी के हुज्जाज किराम की वापसी का आज आग़ाज़ हुआ। मदीना मुनव्वरा से हुज्जाज किराम के तीन क़ाफ़िले वतन वापिस हुए जिनमें तक़रीबन एक हज़ार हुज्जाज किराम मौजूद थे। एयर-इंडिया की ख़ुसूसी परवाज़ों से हुज्जाज किराम की वापसी अमल में आई है।

सुबह साढे़ आठ बजे पहला क़ाफ़िला पहुंचा जबकि रात में दो क़ाफ़िले वतन वापिस हुए। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली ने पहले क़ाफ़िले के हुज्जाज किराम के तैयारे के क़रीब पहुंच कर इस्तिक़बाल किया और उन्हें फ़रीज़ा हज की तकमील पर मुबारकबाद पेश की । मक्का मुकर्रमा में पेश आए दो हादसे के पस-ए-मंज़र में हुज्जाज किराम की वापसी के मौके पर जज़बाती मुनाज़िर देखे गए।

हुज्जाज के रिश्तेदार और दोस्त अहबाब ने फ़रीज़ा हज की तकमील और बहिफ़ाज़त वापसी पर अपने रिश्तेदारों का इस्तिक़बाल किया। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने पहले क़ाफ़िले के तमाम हुज्जाज किराम से फ़र्दन फ़र्दन मुलाक़ात की और इंतेज़ामात के बारे में मालूमात हासिल की।

तमाम हुज्जाज किराम ने हज कमेटी के इंतेज़ामात और मक्का मुकर्रमा-ओ-मदीना मुनव्वरा में फ़राहम की गई सहूलतों पर इतमीनान का इज़हार किया। कई ज़ईफ़-उल-उमर हुज्जाज किराम ने डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर महमूद अली और स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एस ए शकूर के सर पर हाथ रखकर उन्हें दुआएं दें।

उन्होंने बताया कि एयर-इंडिया ने तमाम फ़्लाईटस मुक़र्ररा वक़्त पर चलाने का यकीन् दिया है , इस तरह अंदरून एक हफ़्ता यानी 20 अक्तूबर तक तमाम हुज्जाज किराम हैदराबाद वापिस होजाएंगे। उन्होंने बताया कि मदीना मुनव्वरा में मौजूद तमाम हुज्जाज किराम ख़ैरीयत से हैं।

डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि रुबात में तक़रीबन 600 हुज्जाज किराम के लिए क़ियाम-ओ-तआम के इंतेज़ामात किए गए थे। इस के लिए नाज़िर रुबात मुहम्मद अलशरीफ़ मुबारकबाद के मुस्तहिक़ है।

स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एस ए शकूर ने बताया कि हैदराबाद से जुमला 5451 हुज्जाज किराम रवाना हुए थे जिनमें तेलंगाना के 2963 , आंध्र प्रदेश के 1819 और कर्नाटक के चार अज़ला के 654 हुज्जाज किराम शामिल हैं।

दूसरी फ़्लाईट रात 10 बजकर 20 मिनट और तीसरी फ़्लाईट रात 12.30 बजे हैदराबाद पहुंची। हर फ़्लाईट में 340 हुज्जाज किराम की गुंजाइश है। हज टर्मिनल के बाहर विज़ीटरस और रिश्तेदारों के लिए ख़ुसूसी टेंट निसब किया गया जिसमें पीने के पानी का इंतेज़ाम किया गया और अलाहिदा वुज़ू ख़ाना-ओ-नमाज़ गाह क़ायम की गई।