हैदराबाद 06 मई: रियासती वज़ीर फाइनैंस अटाला राजिंदर ने कहा कि टीआरएस हुकूमत का क़तई मक़सद यही है कि तेलंगाना को एक वेलफेयर रियासत में तबदील किया जाये।
कन्फेडरेशन आफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज़ और एनटीपीसी की तरफ से मुनाक़िदा एक सीएसआर कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए अटाला राजिंदर ने इस ख़्याल का इज़हार किया। उन्होंने वाज़िह किया कि टीआरएस ने किस तरह से तेलंगाना के लिए अलाहिदा रियासत हासिल करने 14 साल तवील जद्द-ओ-जहद की थी।
इस जद्द-ओ-जहद में रियासत के अवाम ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि कई ताक़तें तेलंगाना के ख़िलाफ़ हो गई थीं। इस तरह की रुकावटों और रख़्ना अंदाज़ी के बावजूद जो आंध्र के हुकमरानों और सियासतदानोंन से पैदा की थीं तेलंगाना एहतेजाजियों ने के चन्द्रशेखर राव की क़ियादत में मुसलसिल जद्द-ओ-जहद की और अलाहिदा रियासत हासिल करली । उन्होंने सनअतों और ताजिर बिरादरी पर-ज़ोर दिया कि वो कॉरपोरेट और समाजी ज़िम्मेदारी में भी हिस्सादारी निभाएँ और तेज़-रफ़्तार तरक़्क़ी के मक़सद में हुकूमत के हाथ मज़बूत किए जाएं।
उन्होंने कहा कि चूँकि रियासत में टीआरएस को इक़तिदार हासिल हो चुका है इस लिए अब ये रियासत एक एसी रियासत में तबदील की जाएगी जो वेलफेयर पर मबनी होगी और यहां हर शोबे की तेज़-रफ़्तार तरक़्क़ी होगी। उन्होंने कहा कि कई क़ाइदीन ने अवाम को तेलंगाना रियासत के ताल्लुक़ से गुमराह करने की कोशिश की थी लेकिन ये सब रुकावटें नाकाम साबित हो गईं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना हुकूमत हालिया अरसा में बर्क़ी के बोहरान को हल कर लेने में कामयाब हो गई है।
उन्होंने कहा कि हुकूमत की तरफ से 36,000 करोड़ रुपये की ख़तीर रक़ूमात वेलफेयर पर ख़र्च की जा रही हैं और झीलों के अहया के लिए भी भारी रक़म मुख़तस की गई है जो किसानों के लिए कार-आमद साबित होगी।