तेलंगाना चुनाव में मुसलमानों के एकमुश्त वोट ने बनाया केसीआर को ‘किंग’!

हैदराबाद। तेलंगाना में एक बार फिर के. चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने भारी जीत हाासिल की है। पार्टी की सीटें बीते चुनाव के मुकाबले बढ़ गई है। टीआरएस ने लगभग सूपड़ा साफ करते हुए 119 में से 88 सीटें जीती हैं। तेंलगाना में टीआरएस के जोरदार प्रदर्शन के पीछे उस मुसलमानों की एकमुश्त वोट मिलना भी बड़ी वजह माना जा रहा है। ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम जिन आठ सीटों पर चुनाव लड़ी, बाकी 111 सीटों पर टीआरएस ही मुसलमानों की पहली पसंद रही।

मुसलमानों के एकमुश्त वोट ने टीआरएस के लिए एक फर्क पैदा किया। मुसमलानों में प्रभावशाली माने जाने वाली एआईएमआईएम ने हैदराबाद की आठ सीटों पर चुनाव लड़ा और बाकी 11 सीटों पर टीआरएस को समर्थन दिया। इसका फायदा तो टीआरएस को मिला ही, साथ ही केसीआर ने जो वादे मुसलमानों को लेकर किए, उससे भी फर्क पड़ा।

तेलंगाना चुनाव: इन उम्मीदवारों के हार-जीत के अंतर ने अटकाई समर्थकों की सांसें केसीआर ने लगातार मुस्लिम इलाकों में जाकर प्रचार किया और खुद को कई बार मुस्लिमों से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने कई दफा प्रचार के दौरान बांह पर बंधा ताबीज दिखाया तो मुस्लिमों के बीच उर्दू में भाषण भी दिया। इसके साथ-साथ मस्जिदों के इमामों के वेतन बढ़ाने और दूसरे वादे भी उनको मुसलमानों के करीब लेकर गए।
तेलंगाना की कुल आबादी में करीब 13 फीसदी मुसलमान हैं। राज्‍य की 119 विधानसभा क्षेत्रों में से करीब 50 सीटों पर मुसलमानों इतनी ताताद में हैं कि अगर किसी के लिए एकमुश्त वोट करें तो बड़ा फर्क पैदा कर सकते हैं। मुसलमानों के एकमुश्त वोट का फायदा केसीआर को मिला है।

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के मंगलवार को घोषित हुए नतीजों में के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी टीआरएस ने दूसरी बार बहुमत हासिल किया है। राज्य की 119 में से टीआरएस को सबसे ज्यादा 88 सीटें मिलीं हैं। वहीं, कांग्रेस-तेदेपा गठबंधन 21 सीटों पर सिमट गया। कांग्रेस को 19 सीटें और तेदेपा को 2 सीटें मिलीं। चुनाव में एआईएमआईएम तीसरी बड़ी पार्टी रही है। एआईएमआईएम को सात सीटों पर जीत मिली है। भाजपा, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और निर्दलीयों को एक-एक सीट मिली है