नारायणखेड़ में पार्लियामेंट में अलाहिदा रियासत तेलंगाना बिल की मंज़ूरी पर इज़हार मुसर्रत करते हुए मुसलमानान नारायणखेड़ की तरफ से बाद नमाज़ जुमा रियासत तेलंगाना की तशकील पर इस्तिक़बाले तेलंगाना ख़ैरमक़दमी रियाली मुनज़्ज़म की गई जिस में बिलाइम्तियाज़ सियासी जमात तमाम मुसलमानों की कसीर तादाद ने शिरकत की।
रियाली जमा मस्जिद नारायणखीड़ से निकल कर मुस्तक़र के अहम रास्तों से होते हुए मुस्तक़र में वाक़्ये राजीव चौक पहुंच कर एक जल्सा-ए-आम में तबदील होगई।
इस मौके पर मुहम्मद ताहिर मदीना, मीर अहमद अली, मुहम्मद अबदुलक़य्यूम उर्फ़ मुमताज़, मुहम्मद अबदुलबासित, मुहम्मद शब्बीर अहमद ने जल्सा-ए-आम को मुख़ातब करते हुए सीमांध्र हुकमरानों की तरफ से इलाके तेलंगाना और तेलंगाना अवाम के साथ की गई नाइंसाफ़ीयों, हट धर्मी और तेलंगाना अवाम को होने वाले नुक़्सानात पर तफ़सीली रोशनी डाली और कहा कि हिंदुस्तान की आज़ादी के 60 साल गुज़र जाने के बावजूद इलाके तेलंगाना के अवाम आंध्रई हुकमरानों की गु़लामी में जकड़े हुए थे और आंध्रई हुकमरानों के तसल्लुत के नतीजे में इलाके तेलंगाना के अवाम अपने मुतालिबात की यकसूई से क़ासिर थे और उन हुकमरानों ने इलाके तेलंगाना की तरक़्क़ी को पसेपुश्त डाल दिया था लेकिन तेलंगाना अवाम ने अपने मुतालिबात की यकसूई के हल के लिए रियासत अलाहिदा तेलंगाना की तशकील के लिए तहरीक का आग़ाज़ किया जिस में इलाके तेलंगाना के तमाम तबक़ात हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई तमाम तबक़ात ने जद्द-ओ-जहद तेलंगाना में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और तेलंगाना के कई नौजवानों ने तेलंगाना के लिए अपनी जानों की क़ुर्बानी दी।
इन क़ाइदीन ने तेलंगाना के लिए शहीद होने वाले शहीदों को भी भरपूर ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करते हुए इन तमाम सियासी क़ाइदीन से भी इज़हार-ए-तशक्कुर किया जिन्होंने रियासत तेलंगाना की तशकील में अपना अहम रोल अदा किया है।
उन्होंने कहा कि अलाहिदा तेलंगाना तहरीक के दौरान जिन सियासी क़ाइदीन ने तशकीले तेलंगाना के बाद तेलंगाना के मुसलमानों की तालीमी-ओ-मआशी तरक़्क़ी और 12% फ़ीसद तहफ़्फुज़ात देने का वाअदा किया था उस को अमली जामा पहनाने में कोई कसर बाक़ी ना रखें क्युंकि तेलंगाना तहरीक में मुसलमानों ने भी अपना अहम रोल अदा किया है।