‘तेलंगाना तहरीक में सहाफ़ियों का अहम रोल’

नई तेलंगाना रियासत के हुसूल-ओ-क़ियाम के लिए सहाफ़ियों की जद्द-ओ-जहद की ख़ास एहमीयत है, तेलंगाना तहरीक में सहाफ़ी एक नाक़ाबिल-ए-शिकस्त क़ुव्वत-ओ-ताक़त की तरह उभरे हैं, टी जय ए सी चैरमैन प्रोफेसर कोदंदराम ने ये बात कही।

करीमनगर रेवेंयू गार्डन में टी यू डब्लयू जय (TUWJ) के ज़ेरे एहतेमाम ज़िला में वसीअ पैमाने पर मुनाक़िदा मीटिंग में तक़रीबन एक हज़ार सहाफ़ीयों ने शिरकत की।

कलक्ट्रेट से शहीदाँ तेलंगाना के यादगार मीनार तक बड़ा जलूस निकाला गया और नारे लगाए गए। यादगार मीनार के पास सहाफ़ीयों ने शहीदों को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया। इस जलूस में नमस्ते तेलंगाना एडीटर अलम नारावना, जनरल सेक्रेटरी पी रवींद्र, के श्रीनिवास, क्रांति कुमार, वीमला इक्का, हरि गोपाल, नमस्ते तेलंगाना ब्यूरो के प्रकाश राव, एडीशन इंचार्ज मलीशम, ज़िला इंचार्ज एमवी रमना, टी यू जय एफ़ ज़िला कन्वीनर एस वि जय प्रकाश, बी वजए सिम्हा राव‌, टी न्यूज़ के गोपाल राव, शरीक थे।

बादअज़ां रेवेंयू गार्डन में मुनाक़िदा मीटिंग में कोदंदराम ने ख़िताब करते हुए कहा कि तेलंगाना के हुसूल में जिस तरह से सहाफ़ीयों ने मुत्तहदा तौर पर अवाम को तेलंगाना के हुसूल के लिए जज़बा पैदा किया है इसी तरह से तेलंगाना की तामीर-ए-नौ में सलाह-ओ-मश्वरा देते हुए बदउनवानीयों की निशानदेही करने के लिए जद्द-ओ-जहद करनी होगी।

टी यू डब्लयू जय रियासती सदर अलम नाराय‌ना ने कहा कि तेलंगाना अवाम के जज़बात के मुताबिक़ सहाफ़ीयों ने हक़ीक़ी तर्जुमानी की है। पहली मर्तबा पार्टीयों को मुत्तहिद करते हुए तेलंगाना के हुसूल के लिए जद्द-ओ-जहद करने में सहाफ़ीयों ने ही कोशिश की है