मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से तेलंगाना मसला पर 28 दिसमबर को तलब करदा कुलजमाअती इजलास के बारे में सियासी हलक़ों में अभी से मुख़्तलिफ़ क़ियास आराईयां की जा रही हैं। सियासी क़ाइदीन और मुबस्सिरीन की अक्सरीयत का ख़्याल है कि इस इजलास से कोई नतीजा बरामद नहीं होगा। कुल जमाती इजलास के बारे में मुबस्सिरीन का कहना है कि ये इजलास ऐसे अफ़राद का इजतिमा है जो इन्फ़िरादी तौर पर कुछ नहीं कर सकते लेकिन साथ मिलकर ये फ़ैसला कर सकते हैं कि कुछ भी नहीं किया जा सकता।
कुल जमाती इजलास के मसला पर कांग्रेस के एक आला क़ाइद ने एक दिलचस्प रिमार्क किया जो कि फ़िल्म डॉन के मुकालमा की तरह है, फ़िल्म में कहा गया था कि डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है इसी तरह कांग्रेस आला कमान के क़ाइद ने कहा कि आला कमान को ज़हन को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इस तबसरा के बाद से कुलजमाअती इजलास के नतीजाख़ेज़ होने पर शुबहात में शिद्दत पैदा हो चुकी है।
ए आई सी सी जनरल सेक्रेटरी ग़ुलाम नबी आज़ाद और फिर मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे के बयानात ने इन अंदेशों को तक़वियत पैदा करदी कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ तेलंगाना मसला को टालने के लिए ये इजलास तलब कर रही है। तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले अरकान-ए-पार्लियामेंट ने एफडी आई के मसला पर लोक सभा में राय दही के नाज़ुक मरहला पर तेलंगाना मसला को छेड़ दिया था।
उन के एहतिजाज को देखते हुए पार्टी ने मुनासिब समझा कि किसी तरह उन्हें ख़ामोश किया जाये, इस के लिए कुल जमाती इजलास की तजवीज़ पेश की गई जिसे अरकान-ए-पार्लियामेंट ने भी क़बूल करलिया। । बताया जाता है कि कुलजमाअती इजलास में हुकूमत की जानिब से रियास्तों की तंज़ीम जदीद से मुताल्लिक़ दूसरे कमीशन के क़ियाम की तजवीज़ तमाम सियासी जमातों के रूबरू पेश की जाएगी।
जो जमातें तेलंगाना की तशकील के हक़ में नहीं हैं वो इस तजवीज़ पर मुसबत रद्द-ए-अमल का इज़हार करेंगी जबकि तेलंगाना की ताईदी जमातें उस की मुख़ालिफ़त करते हुए एहतिजाज करेंगी इस के बाद मर्कज़ी हुकूमत कुलजमाअती इजलास में इत्तिफ़ाक़ राय की कमी के लिए सियासी जमातों को ज़िम्मेदार क़रार देते हुए तेलंगाना मसला की यकसूई को आगे के लिए टाल देगी।
बताया जाता है कि कांग्रेस के सीनीयर क़ाइदीन ने हाईकमान को रिपोर्ट दी है कि अगर मौजूदा सूरत-ए-हाल में कांग्रेस पार्टी तेलंगाना की तशकील के रोड मयाप करती भी है तो इस का सेहरा कांग्रेस के सर नहीं आएगा और ना ही कांग्रेस को इंतिख़ाबात में कोई फ़ायदा होगा। इस के बरख़िलाफ़ सीमा आंधरा में पार्टी को जो नुक़्सान हुआ है उस की पा बजाई भी नहीं होपाए गी।
इन क़ाइदीन ने मश्वरा दिया कि बेहतर यही होगा कि पार्टी इंतिख़ाबात से क़ब्ल टी आर ऐस या फिर वाई ऐस आर कांग्रेस पार्टी से मफ़ाहमत के रास्ते तलाश करे। तेलंगाना के कांग्रेस क़ाइदीन अपनी बक़ा के लिए चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी, तेलूगूदेशम और वाई ऐस आर कांग्रेस पार्टी को बैयक वक़त निशाना बनारहे हैं ताकि तेलंगाना राष़्ट्रा समीती से ख़ुशगवार रवाबित रखते हुए ऐम एल ए या एम पी की अपनी एक और मीयाद को यक़ीनी बना सकें।
ज़राए के मुताबिक़ कांग्रेस आला कमान 2014- के इंतिख़ाबात की हिक्मत-ए-अमली के सिलसिला में 2013-में आंधरा प्रदेश और खासतौर पर तेलंगाना मसला के बारे में अहम फ़ैसले कर सकती है।पार्टी के बाअज़ क़ाइदीन तेलंगाना मसला के हल के सिलसिला में हाईकमान को तेलंगाना के तरक़्क़ीयाती पैकेज के ऐलान की सिफ़ारिश कर रहे हैं जिस के तहत चीफ़ मिनिस्टर का ओहदा तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाली शख़्सियत को दिए जाने की मांग की जा रही है।
पार्टी ज़राए के मुताबिक़ हाईकमान के ग़ैर वाज़ेह मौक़िफ़ और सीमा आंधरा क़ाइदीन के दबाव के बाइस तेलूगूदेशम और वाई ऐस आर कांग्रेस पार्टी को तेलंगाना के बारे में फ़ैसला से बचने में मदद मिल रही है।