खम्मम के 7 मंडलों पर मुहीत 205 मवाज़आत को आंध्र प्रदेश रियासत में ज़म किए जाने से मुताल्लिक़ मर्कज़ी हुकूमत
के फ़ैसले के ख़िलाफ़ टीआरएस की अपील पर तेलंगाना बंद मनाया गया। तेलंगाना के तमाम 10 अज़ला में बंद का ख़ासा असर देखा गया और आम ज़िंदगी मुतास्सिर हुई।
रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बस सरविसीस की मुअत्तली के बाइस मुसाफ़िरिन को मुश्किलात का सामना करना पड़ा। अज़ला में बंद का असर ज़्यादा रहा जबकि दोनों शहरों में जुज़वी असर देखा गया।
तिजारती, ख़ानगी इदारे बंद रहे और सरकारी दफ़ातिर में भी हाज़िरी कम देखी गई। तेलंगाना के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर टीआरएस और तेलंगाना तंज़ीमों की तरफ से मर्कज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ एहतेजाज मुनज़्ज़म किया गया। रियासती सेक्रेटेरिएट में तेलंगाना मुलाज़िमीन ने धरना मुनज़्ज़म करते हुए खम्मम के सात मंडलों को आंध्र प्रदेश
में ज़म करने से मुताल्लिक़ आर्डीनेंस की मंज़ूरी के ख़िलाफ़ एहतेजाज किया। रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ने एहतेयाती इक़दामात के तौर पर शहर और अज़ला में बस
सरविसस को मुअत्तल किया था। बंद के दौरान किसी भी इलाके से नाख़ुशगवार वाक़िया की इत्तिला नहीं मिली। टीआरएस ने बंद को मुकम्मिल पुरअमन और कामयाब क़रार दिया है। सदर टीआरएस चन्द्र शेखर राव ने मर्कज़ी काबीना में आर्डीनेंस की मंज़ूरी के ख़िलाफ़ बंद की अपील की थी। अगरचे अचानक बंद का एलान किया गया ताहम टीआरएस कारकुनों ने बंद की कामयाबी में अहम रोल अदा किया। अज़ला करीमनगर, नलगेंडा, वर्ंगल, निज़ामबाद, महबूबनगर, मेदक और आदिलाबाद में बंद मुकम्मिल होने की इत्तिलाआत मिली हैं।