आंध्र प्रदेश रियासती असेंबली में आज मुबाहिस के लिए पेश करदा “दी आंध्र प्रदेश रीआर्गेनाईजेशन बिल” , 2013(मुसव्वदा क़ानून तंज़ीम जदीद आंध्र प्रदेश बाबत 2013) की उर्दू नक़ूल भी आज तक़सीम की गई।
मुसव्वदा क़ानून का उर्दू में किया गया है उर्दू ज़बान के साथ भोंडे मज़ाक़ के सिवा कुछ नहीं कहा सकता।
उर्दू ज़बान में पेश करदा ये मुसव्वदा अग़लात नामा और गलतियों के पलंदा के सिवा कुछ नहीं है। ये दरुस्त है कि जो कोई भी मुतर्जिम हो उसे तर्जुमा के लिए ज़्यादा वक़्त नहीं मिला मगर उजलत में इमले की गलतियां हूँ यह कोई जुमला अधूरा रह जाये तो बात समझ में आती है मगर ये सारा का सारा मुसव्वदा नाक़िस तर्जुमा की बदतरीन मिसाल है जो एक दस्तूरी दस्तावेज़ के लिए नाक़ाबिले क़बूल है। इब्तिदा से आख़िर तक तर्जुमा करने की एक नाकाम कोशिश की गई है।
ये कहा जाये तो ग़लत ना होगा कि सारे मुसव्वदा में एक जुमला यह फ़िक़रा भी दरुस्त नहीं है। मुसव्वदा क़ानून के पहले फ़िक़रा दिस एक्ट मई बी कॉल्ड दा आंध्र प्रदेश रीआर्गेनाईजेशन एक्ट,2013 का तर्जुमा युं किया गयाये क़ानून बनाम क़ानून तंज़ीम जदीद आंध्र प्रदेश मौसूम होसकेगा।
जबकि इस का तर्जुमा युं होना चाहीए ये, क़ानून तंज़ीम जदीद आंध्र प्रदेश 2013 कहलाएगा होना चाहीए। एसा ही हश्र सारे मवाद किया गया। इस से तो बेहतर तो ये होता कि कुछ वक़्त तलब करके किसी अच्छे मुतर्जिम से इस का तर्जुमा करवाया जाता यह किसी उर्दू सहाफ़ी यह उर्दू सहाफ़ती इदारा यह फिर किसी यूनीवर्सिटी से रुजू होते हुए सहीह तर्जुमा करवाया जाता।