तेलंगाना बिल की मंज़ूरी के फ़ौरी बाद लोक सभा चुनाव!

मर्कज़ी हुकूमत क़बल अज़वक़्त चुनाव के इनइक़ाद के मुताल्लिक़ मंसूबा बंदी करचुकी है! यू पी ए की तरफ से वस्त फरवरी में पार्लियामेंट की तहलील के ज़रीये आम चुनाव की राह हमवार करने की तैयारीयां जारी हैं।

बावसूक़ ज़राए के बमूजब पार्लियामेंट में रियासत आंध्र प्रदेश की तक़सीम-ओ-तशकील तेलंगाना के बिल की मंज़ूरी के फ़ौरी बाद पार्लियामेंट तहलील करदिए जाने का मंसूबा तैयार किया गया है।

बताया जाता है कि मर्कज़ी हुकूमत ने माक़बल तहलील तेलंगाना के अलावा इंसिदाद फ़िर्कावाराना तशद्दुद बिल और ख़वातीन तहफ़्फुज़ात बिल को मंज़ूर करवाने की हिक्मते अमली तैयार कररही है।

ज़राए के बमूजब 15 फरवरी को पार्लियामेंट की तहलील की तारीख़ का ताय्युन भी करलिया गया है लेकिन यूपी ए खास्कर कांग्रेस चुनाव के लिए मुकम्मिल हिक्मते अमली की तैयारी-ओ-मंसूबा बंदी के बाद ही ये फ़ैसला करेगी।

सियासी तजज़िया निगारों का मानना हैके अगर एसा किया जाये तो एसे वस्त मुद्दती चुनाव नहीं कहा जा सकता बल्कि ये क़बल अज़वक़्त चुनाव होंगे लेकिन बाअज़ ज़राए का कहना हैके इस तरह की सूरते हाल पैदा होने पर आम चुनाव होंगे लेकिन बाज़ ज़राए का कहना हैके इस तरह की सूरते हाल पैदा होने पर आम चुनाव रास्त सदारती निगरानी में मुनाक़िद होंगे और मुल्क में कुछ वक़्त के लिए सदर राज का नफ़ाज़ होसकता है।

अलाहिदा रियासत तेलंगाना बिल की आंध्र प्रदेश असेंबली में राय हासिल करने के फ़ौरी बाद सदर जमहूरीया को रवाना करदी जाएगी। और तवक़्क़ो हैके सदर जमहूरीया उसे दुबारा काबीना-ओ-पार्लियामेंट को रवाना करें।

इस पर मुकम्मिल क़ानूनी राय हासिल करते हुए पार्लियामेंट में पीशकशी के लिए रवाना करदेंगे। रियासत की तक़सीम के बिल की पार्लियामेंट में पीशकशी से पहले हुकूमत बजट की जनवरी के आख़िरी हफ़्ते में पीशकशी का मंसूबा तैयार कररही है।

इस मंसूबे के एतेबार से फरवरी के पहले हफ़्ते में रियासत की तक़सीम के अलावा ख़वातीन तहफ़्फुज़ात बिल और इंसिदाद फ़िर्कावाराना फ़सादाद बल को मंज़ूर करवाने का मंसूबा रखती है।

रियासत की तक़सीम के बिल को दोनों ऐवानों में मंज़ूरी हासिल होने की सूरत में रियासत में कुछ वक़्त के लिए सदर राज का नफ़ाज़ होसकता है।

अगर मर्कज़ पार्लियामेंट तहलील नहीं करती है तो रियासत में सदर राज यक़ीनी होगा। बताया जाता हैके रियासत की तक़सीम के अमल में क़ौमी सतह पर कांग्रेस को बहुत कम मुख़ालिफ़त का सामना है लेकिन कांग्रेस आंध्र प्रदेश के मुख़ालिफ़ तेलंगाना क़ाइदीन के अंदरूनी इख़तिलाफ़ात के बाइस परेशान है।

इसी तरह ख़वातीन तहफ़्फुज़ात बिल जोकि बी जे पी के अलावा दुसरे अप्पोज़ीशन जमातों की ताईद से राज्य सभा में मंज़ूर होचुका है उसे लोक सभा में मंज़ूर करवाना कांग्रेस के लिए दुशवार कुन मरहला इस लिए बना हुआ है चूँकि इस बिल की मुख़ालिफ़त ख़ुद कांग्रेस की हलीफ़ जमातें जोकि यूपी ए को ताईद फ़राहम कररही हैं, मुख़ालिफ़ हैं जिन में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनतादल शामिल हैं।

इसी तरह इंसिदाद फ़िर्कावाराना तशद्दुद बिल की मंज़ूरी के लिए भी यू पी ए को हिमायत की ज़रूरत है और कांग्रेस को यक़ीन हैके बी जे पी इंसिदाद फ़िर्कावाराना तशद्दुद बिल में तरमीम की ख़ाहिशमंद है और तरमीम की सूरत में इस बिल को भी अप्पोज़ीशन की ताईद हासिल होजाएगी।

इन बलों की मंज़ूरी के ज़रीये कांग्रेस अपनी घटती साख को मुतास्सिर होने से बचाने की कोशिश में नज़र आरही है। कहा जा रहा है कि यू पी ए ख़वातीन तहफ़्फुज़ात बिल, तेलंगाना बिल और इंसिदाद फ़िर्कावाराना तशद्दुद बिल को अप्पोज़ीशन की मदद से फरवरी के अवाइल में बहरसूरत मंज़ूर करवाते हुए फरवरी के दूसरे हफ़्ते में पार्लियामेंट की तहलील का एलान करदेगी और इन बिलों की मंज़ूरी के लिए अप्पोज़ीशन की मदद हासिल करने की भरपूर कोशिश की जाएगी। क़ब्लअज़ीं हुकूमत बजट की पीशकशी-ओ-मंज़ूरी के लिए भी ख़ुसूसी मीटिंग रखेगी।