तेलंगाना जो तवक़्क़ो हैके हिंदुस्तान की 29 वीं रियासत बन जाएगा, हैदराबाद के बिशमोल 10 ज़िला पर मुश्तमिल होगा जो मादिनी वसाइल से माला माल है। 1,14,840 इसको आवर लिलो मीटर के इलाके पर मुहीत 2011 की मर्दुमशुमारी के मुताबिक़ तेलंगाना में 3,52,86,757 नफ़ूस की आबादी है।
हैदराबाद के अलावा जो इस इलाके का दार-उल-हकूमत है, दुसरे अज़ला जैसे रंगारेड्डी, मेदक, महबूबनगर, नलगुंडा, खम्मम, वरंगल, करीमनगर, आदिलाबाद और निज़ामबाद शामिल हैं।
तेलंगाना इलाक़ा क़ुदरती वसाइल से माला माल होने के अलावा आंध्र प्रदेश में तेलंगाना इलाके के अंदर 45 फ़ीसद जंगलाती हिस्सा पाया जाता है और मुल्क में मौजूद कोयला के ज़ख़ाइर का 20 फ़ीसद हिस्सा तेलंगाना में है।
सिंगारीनी कालरीज़ कंपनी लिमिटेड यहां के कोयला कानों से कोयला की निकासी अमल में लाती है जो सनअती और सेंट्रल पावर स्टेशनों के लिए ज़रूरी है।
तेलंगाना में दुसरे कई मादिनी ज़ख़ाइर पाए जाते हैं जिस में ख़ासकर सीमेंट फैक्ट्रीयों के लिए काम आने वाले पत्थर और दुसरे मादिनी वसाइल जैसे एलमोनियम की कचधात और अब्रक़ की भारी मिक़दार पाई जाती है।
बड़ी दरियाएं जैसे गोदावरी, कृष्णा, आंध्र प्रदेश से दुसरे इलाक़ों में दाख़िल होने से पहले तेलंगाना से गुज़रती हैं और ख़लीज बंगाल में जाकर ख़त्म होती हैं।
मूसानदी, भीमा, किनरा सानी, पन गंगा जैसी छोटी नदियां भी तेलंगाना में बेहती हैं। हैदराबाद के अलावा वरंगल भी इस इलाके में सब से बड़ा शहर है जो तारीख़ी एहमीयत का हामिल है।
हैदराबाद को इस इलाके का मर्कज़ी मुक़ाम हासिल है जहां पर बरसों से तमाम तरक़्क़ीयाती काम अंजाम दिए गए हैं। ज़ाइदाज़ 15, 20 साल के दौरान हैदराबाद छोटा हिंदूस्तान की हैसियत से जाना जाता है।
इस शहर ने हिंदुस्तान के हर शहरी को पनाह दी है। यहां की मेहमान नवाज़ी और गंगा जमुनी तहज़ीब सारे आलम में मशहूर है।