तेलंगाना हुकूमत ने नामज़द सरकारी ओहदों पर तक़र्रुत के लिए सरगर्मीयों का आग़ाज़ कर दिया है। अक़लियती बहबूद से मुताल्लिक़ इदारों में सदर नशीन और डायरेक्टरस के तक़र्रुत के सिलसिले में चीफ़ मिनिस्टर चन्द्रशेखर राव ने बाएतेमाद रफ़क़ा और वुज़रा से मुशावरत की है।
ज़राए ने बताया कि चन्द्रशेखर राव पिछ्ले 14 बरसों की तेलंगाना जद्द-ओ-जहद में अहम रोल अदा करने वाले अक़लियती क़ाइदीन को सरकारी ओहदों में मुनासिब हिस्सादारी के हक़ में हैं।
चूँकि क़ानूनसाज़ कौंसिल में हर किसी को नुमाइंदगी नहीं दी जा सकती लिहाज़ा वो चाहते हैंके अक़लियती इदारों के तक़र्रुत में उन्हें शामिल किया जाये। ज़राए के मुताबिक़ मुख़्तलिफ़ इदारों के सदर नशीन, अरकान और बोर्ड आफ़ डायरेक्टरस के नामों को क़तईयत देने का काम आख़िरी मरहला में है।
तवक़्क़ो हैके रमज़ान के दौरान अक़लियती इदारों पर तक़र्रुत का अमल मुकम्मिल करलिया जाएगा। उर्दू एकेडेमी, हज कमेटी, अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन और वक़्फ़ बोर्ड पर तक़र्रुत के सिलसिले में टी आर एस क़ाइदीन के नामों को क़तईयत दी जा रही है। इस सिलसि में चन्द्रशेखर राव ने डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली और रियासती वुज़रा के टी रामा राव और हरीश राव से मुशावरत की है।
सदर नशीन वक़्फ़ बोर्ड के ओहदे के लिए कई मज़हबी क़ाइदीन दौड़ धूप कररहे हैं इन में बाज़ का ताल्लुक़ अज़ला से बताया जाता है ताहम नए वक़्फ़ एक्ट के मुताबिक़ सदर नशीन के इंतिख़ाब के लिए अवामी मुंतख़ब नुमाइंदे का होना ज़रूरी है। इस के बावजूद ग़ैर मुंतख़ब अवामी नुमाइंदे बिलख़सूस इंतिख़ाबात में टी आर एसके हक़ में मुहिम चलाने वाले मज़हबी क़ाइदीन सदर नशीन के ओहदे के हुसूल के लिए चीफ़ मिनिस्टर पर दबाव बनारहे हैं।