तेलंगाना में 10 एयरपोर्टस क़ायम करने का मन्सूबा

हैदराबाद 31 जुलाई: साल 2014 चुनाव के बाद से चीफ़ मिनिस्टर केसीआर ने सबसे ज़्यादा वादा करने वाले चीफ़ मिनिस्टर होने का रिकार्ड क़ायम किया। लेकिन अब एसा लगता है कि उनके बेटे भी अपने वालिद के नक़श-ए-क़दम पर बल्के उनसे आगे बढ़कर नया रिकार्ड क़ायम करने जा रहे हैं। हवाओं के रास्ते तैयार कर रहे हैं ? बलदिया के 100 दिन का एक्शण प्लान अभी पूरा हुआ ही नहीं कि वो तेलंगाना के लिए नए एयरपोर्टस की मंज़ूरी में जुट गए हैं। शहर के रास्ते , ख़स्ता-हाल सड़कें , बरसाती पानी से झीलों की शक्ल इख़तियार कर जाने वाले अहम रास्तों को सुधारने के बजाये, तीरानगाहों का इरादा ज़ाहिर कर रहे हैं और मर्कज़ से फ़ौरी इजाज़त देने का मुतालिबा कर चुके हैं।

केटीआर के हसीन सपने दिन में ख़ाब देखने के बराबर साबित हो रहे हैं। चूँकि तेलंगाना की माली हैसियत-ओ-हक़ीक़त अब कोई ढकी छिपी बात नहीं रही। रियासती वज़ीर केटी रामा राव‌ ने जुमा को दिल्ली में मुख़ातिब करते हुए कहा कि हैदराबाद से अमेरीका के माबैन रास्त परवाज़ें शुरू करते हैं तो इस का फ़ायदा कई लोगों को होगा। केटीआर ने वज़ारत शहरी हवा बाज़ी की रीजनल कोन्नेक्टिवेली स्कीम से 10 छोटे एयरपोर्ट क़ायम करने की इजाज़त चाही है।

उन्होंने अपनी तक़रीर में ये भी कहा कि जहां तैयारा की रसद मुश्किल होगी और वो लैंडिंग नहीं कर सकते वहां हेलीपैड , हेलीकाप्टर की इजाज़त दी जाएगी। ताकि मुख़्तसर फ़ासिले को जल्द तए किया जा सके। अपनी तक़रीर में उन्होंने 10 नए छोटे एयरपोर्ट के मुक़ामात की निशानदेही भी कर डाली जिनमें वर्ंगल का एयरपोर्ट 438 एकड़ अराज़ी पर आदिलाबाद का 554 एकड़ अराज़ी पर जब कि रामागनडम , नागरजुनासागर, नलगेंडा, आलीर ( जुनिगाओं) , काग़ज़नगर , कुत्तागोड़म , निज़ामबाद और नमज़ सनअती ज़ोन ज़हीराबाद शामिल हैं।

इन तरक़्क़ीयाती प्रोजेक्टों की बातें अवाम से किए जा रहे वादे और इक़दामात का तक़ाबुल करें तो दो पहलू मुतज़ाद साबित होंगे। शहर की ज़िम्मेदारी लेते हुए 100 दिन का एक्शण प्लान और शहर की सूरत गैरी को तबदील करने का दावा खोखला साबित हो रहा है। चूँकि सिर्फ़ एकता 2 घंटे की बारिश से नशीबी इलाक़ा तो दूर अहम सड़कें झील का मंज़र पेश कर रही हैं तो एसी गंदगी से वबाई अमराज़ के ख़दशात में इज़ाफ़ा हो गया है।