चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव ने हाल ही में गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन से मुलाक़ात की जिस में उन्होंने गवर्नर के साथ तेलंगाना पब्लिक सरविस कमीशन (TPSC) के क़ियाम पर तबादला-ए-ख़्याल किया।
चीफ़ मिनिस्टर की गवर्नर से मुलाक़ात के बाद तेलंगाना में सरकारी मुलाज़िमतें हासिल करने के ख़ाहां नौजवानों में इस बात की उमीद पैदा होगई हैके आइन्दा चंद माह में नई भरतीयों के लिए आलामीया जारी किया जाएगा लेकिन रियासत की तक़सीम और इस के बाद तेलंगाना की मआशी हालत और दुसरे मजबूरीयों को देखते हुए इन तलबा में मायूसी पैदा होसकती है जो नई रियासत में एक लाख नई भरतीयों का आलामीया जारी किए जाने की उमीद कररहे थे।
अब तेलंगाना में एक लाख की बजाये सिर्फ़ 18000 जायदादें मख़लवा बताई जाती हैं। दूसरी तरफ़ के सी आर ने चुनाव में कामयाबी के बादकॉन्ट्रैक्ट मुलाज़िमीन की ख़िदमात को भी बाक़ायदा बनाने का वादा किया है।
ज़राए का कहना हैके तेलंगाना पब्लिक सरविस कमीशन का सदर जमहूरीया की मंज़ूरी के साथ ही क़ियाम अमल में लाया जाएगा और फिर 18 हज़ार जायदादों पर भर्ती का आलामीया जारी किया जाएगा। एक और सरकारी ज़राए का कहना हैके आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की तक़सीम का अमल शुरू होचुका है लेकिन स्टाफ़ और असासाजात की तक़सीम का अमल मुकम्मिल ना होसका। इन हालात में कितनी जायदादों पर भरतीयों का नोटीफ़िकेशन जारी किया जाएगा। इस बारे में क़तई तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। अब यहां सवाल ये पैदा होता हैके आया मुस्लमान इन 18000 मुजव्वज़ा मख़लवा जायदादों के लिए तैयार हैं या नहीं? अगर देखा जाये तो सेक्रेट्रियट में कोई आला मुस्लिम ओहदादार नहीं एसे में हम कैसे तवक़्क़ो रख सकते हैंके मुलाज़मतों में अपने हिस्सा से मुताल्लिक़ और दुसरे मसाइल कैसे हल होंगे।
वाज़िह रहे कि मुसलमानों को तेलंगाना में पहले ही से मुलाज़मतों और तालीमी शोबा में 4 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात हासिल हैं। एसे में मुस्लिम नौजवानों की 18000 में से 720 जायदादों पर भर्तियां अमल में आसकती हैं।
लेकिन यहां भी यही सवाल पैदा होता हैके आया मुस्लमान इस मौके से इस्तेफ़ादा के लिए तैयार हैं? अगर इस का हक़ीक़त पसंदाना जायज़ा लें तो जो मुतवक़्क़े जवाब होगा वो ना ही होगा। इस के बावजूद अगर मुस्लिम इदारा और उम्मीदवार अभी से उन मख़लवा जायदादों में से अपना हक़ हासिल करने की तैयारीयां शुरू करदें तो मुम्किन है कि 720 बेरोज़गार मुस्लिम नौजवानों को रोज़गार हासिल करने में कामयाबी मिल सकती है।
एमबी बी एस के अलावा इंजीनीयरिंग ग्रैजूएटस और दुसरे आम ग्रैजूएटस इन सरकारी मुलाज़मतों के अहल हैं। अगर हमारे तालीम-ए-याफ़ता नौजवान तेलंगाना में सरकारी मुलाज़मतें हासिल करते हुए मिल्लत की ख़िदमत करने के ख़ाहां हैं तो ये अच्छी बात होगी वर्ना सरकारी मुलाज़मतों से हमारी दूरी तारीक मुस्तक़बिल का बाइस बनेगा। ज़रूरत इस बात की हैके मुस्लिम तालीम याफ़ता नौजवान ख़ुद को इस मौके के लिए तैयार रखें।