तेलंगाना रियासत में अहम ओहदों के हुसूल के लिए ज़बरदस्त सरगर्मियां

अलाहिदा तेलंगाना रियासत में अहम ओहदों के हुसूल के लिए कांग्रेस के तेलंगाना क़ाइदीन की सरगर्मीयां उरूज पर हैं और क़ाइदीन अपने अपने तबक़ात को बुनियाद बनाकर आला ओहदों के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।

तेलंगाना रियासत के हुसूल की जद्दो जहद में अगरचे मुस्लिम अक़लीयत और उन के क़ाइदीन ने भी बराबर का हिस्सा अदा किया लेकिन ओहदों के हुसूल के सिलसिले में अक़लीयतों को नजरअंदाज़ कर दिया गया।

दिलचस्प बात ये है कि आबादी के एतबार से अक़लीयतों से कम फ़ीसद वाले तबक़ात भी चीफ़ मिनिस्टर और डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर के ओहदों के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।

तेलंगाना हो कि सीमा आंध्र दोनों रियास्तों में तशकीले हुकूमत की सूरत में अहम ओहदों के लिए रेड्डी, कमा, कापू, माला, माद्दीगा, बी सी और इसी तरह के दीगर तबक़ात से ताल्लुक़ रखने वाले क़ाइदीन कांग्रेस हाईकमान के पास तबक़ात की बुनियाद पर अपनी नुमाइंदगी का मुतालिबा कर रहे हैं।

लेकिन किसी क़ाइद को भी अक़लीयतों को मुनासिब हिस्सादारी दिए जाने के बारे में नुमाइंदगी करते नहीं देखा गया। कारकुनों की राय है कि तेलंगाना हो कि सीमा आंध्र दोनों इलाक़ों के अक़लीयती क़ाइदीन को मुत्तहिद होकर इक़्तेदार में हिस्सेदारी के लिए हाईकमान से नुमाइंदगी करनी चाहीए। देखना ये है कि इस सिलसिले में पहल किस जानिब से होगी।