ऐसे वक़्त जबकि मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से तेलंगाना रियासत के क़ियाम की सरगर्मीयां नुक़्ता उरूज पर पहूंच चुकी हैं, टी आर एस के सरब्राह के चन्द्र शेखर राव की ख़ामूशी सयासी हल्क़ों में मौज़ूए बहस बनी हुई है। चन्द्र शेखर राव ने मर्कज़ी ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स की जानिब से तेलंगाना की तशकील के हक़ में शुरू की गई सरगर्मीयों के बाद से ही इस मसअले पर इज़हारे ख़्याल से गुरेज़ किया है।
पार्टी के दीगर क़ाइदीन को भी मश्वरा दिया गया है कि वो तेलंगाना मसअले पर इज़हारे ख़्याल में एहतियात से काम लें ताकि मुख़ालिफ़ तेलंगाना ताक़तों को तशकीले तेलंगाना की राह में रुकावट पैदा करने का कोई मौक़ा ना मिल सके।
पार्टी के बावसूक़ ज़राए ने बताया कि चन्द्र शेखर राव नई दिल्ली में जारी सरगर्मीयों पर गहरी नज़र रखे हुए हैं और पार्टी की हिक्मते अमली के बारे में सीनियर क़ाइदीन के साथ सलाह और मश्वरा कर रहे हैं।
वो कांग्रेस हाईकमान के क़रीबी हल्क़ों से भी रब्त में हैं और ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स की सरगर्मीयों और रिपोर्ट के बारे में मालूमात हासिल कर रहे हैं। बताया जाता है कि 5 दिसंबर से शुरू होने वाले पार्लीयामेंट के सरमाई इजलास में शिरकत के लिए चन्द्र शेखर राव जल्द ही नई दिल्ली रवाना होंगे।
हैदराबाद को मर्कज़ी ज़ेरे इंतेज़ाम इलाक़ा क़रार देना या फिर रॉयल तेलंगाना जैसी तजावीज़ को भी कांग्रेस ने 2014 इंतिख़ाबी हिक्मते अमली के तहत ही नजर अंदाज़ कर दिया है।