तेलंगाना से काँग्रेस को नहीं टीआरएस को फायदा, सीमांध्र में जगन का जादू

आंध्रप्रदेश के दो टुकड़े कराने के बाद भी काँग्रेस को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है | मुल्क का 29वां रियासत बने तेलंगाना की तामीर से सारा सियासी फायदा तेलंगाना राष्‍ट्र समिति (टीआरएस) को मिलता दिख रहा है | यह बात एक ताजा सर्वे में उभर कर आया है |

इस सर्वे के मुताबिक वाई एस जगनमोहन रेड्डी की अगुवाई वाली वाई एस आर कांग्रेस सीमांध्र में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर सकती है| पहली मरतबा इंतेखाबी मैदान में कूद रही इस पार्टी को 25 में से 18 सीटें मिलने का इम्कान है | सी वोटर ने यह सर्वे तेलंगाना, रायलसीमा, और साहिली आंध्र प्रदेश में 18 और 19 फरवरी को किया | इसमें 1500 लोगों से तेलंगाना की तश्कील के मसले पर उनकी राय पूछी गई |

सर्वे के मुताबिक कौमी पार्टियों ने तमिलनाडु, यूपी और बिहार की तरह आंध्र प्रदेश में इलाकई पार्टियों से नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी है | चंद्रशेखर राव की अगुवाई में तेलंगाना राष्‍ट्र समिति कांग्रेस की ताईद के बिना भी तेलंगाना में क्‍लीन स्‍वीप कर सकती है | सर्वे के मुताबिक टीआरएस को इस इलाके की 17 में से 14 सीटें मिलने का इम्कान है |

तमाम सियासी उठापटक के बावजूद जगन के वालिद वाई एस राजशेखर रेड्डी युनाईटेड आंध्र प्रदेश के मशहूर सीएम बने हुए हैं | उनकी मकबूलियत सीमांध्र के मुकाबले तेलंगाना में ज्‍यादा है | जमीनी हकीकत यह है कि वाई एस राजशेखर रेड्डी अगर आज जिंदा होते तो तेलंगाना की तश्कील नहीं हो पाती |

आंध्र प्रदेश की ज़्यादातर सीटों पर बीजेपी का दबदबा नहीं है, लेकिन बीजेपी के पीएम कैंडिडेट और गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी पीएम के ओहदे के लिए सबसे मकबूल उम्‍मीदवार बने हुए हैं | अगर बीजेपी का टीडीपी से इत्तेहाद हो जाता है तो तेलंगाना रीजन में टीआरएस को बड़ा झटका लग सकता है |

आंध्र प्रदेश के तेलंगाना और सीमांध्र इलाके में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ सकता है पार्टी का अगर टीआरएस में मिल जाए या उसके साथ इत्तेहाद कर लेती है, तो शायद कुछ उम्‍मीद है |

चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली टीडीपी भी अपने बूते इन दोनों इलाकों में कुछ खास नहीं कर सकती है | सर्वे के मुताबिक पार्टी को आंध्र प्रदेश की 42 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 6 सीटें मिलने का इम्कान है | मौजूदा लोकसभा में भी टीडीपी की गिनती इतनी ही है |

हैदराबाद की सीट पर एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी का दबदबा बरकरार है |

————बशुक्रिया: पलपल इंडिया