महाराष्ट्रा के मुमलिकती वज़ीर-ए-दाख़िला राम शंडे ने दावा किया कि तेलंगाना से मतसला सरहद पर वाक़्ये तमाम 14 मुतनाज़ा देहातों की बाज़याबी के लिए रियासती हुकूमत अपनी कोशिश जारी रखेगी क्युंकि हुकूमत महाराष्ट्रा ने तेलंगाना के इन मवाज़आत पर अपना इद्दिआ बरक़रार रखा है।
(महाराष्ट्रा के नक़्शे के मुताबिक़) ये तमाम 14 मवाज़आत ज़िला चंद्रपुर के ताल्लुक़ा जीवाकी में वाक़्ये है और ये दोनों रियासतों की फ़हरिस्त राय दहिंदगान में शामिल हैं, इस तरह उन मवाज़आत के अवाम को दोहरी शिनाख़्त हासिल है और वो तेलंगाना और महाराष्ट्रा के सियासी मौक़िफ़ के बिशमोल तमाम बुनियादी सहूलतों से इस्तेफ़ादा के मुस्तहिक़ भी हैं।
ये 14 मवाज़आत महाराष्ट्रा और तेलंगाना के साथ रेवेंन्यू देहातों के तहत वाक़्ये हैं जिन की मजमूई आबादी 3700 है। क़ब्लअज़ीं साबिक़ मुत्तहदा रियासत आंध्र प्रदेश और अब नई रियासत तेलंगाना ने इन मवाज़आत पर अपना दावा पेश किया है।
यहां ये बात भी दिलचस्प हैके चंद मवाज़आत में दो मजालिस मुक़ामी और दो सरपंच हैं एक का ताल्लुक़ महाराष्ट्रा से है तो दूसरा तेलंगाना की नुमाइंदगी करता है। इस तरह आराज़ीयात रेकॉर्ड्स भी दोनों रियासतों में मौजूद हैं। हर गांव में दो स्कूलस हैं, एक का ज़रीया तालीम मराठी और दूसरे का तेलुगु है।