वज़ीर फ़ाइनेन्स ई राजिंदर ने कहा कि हुकूमत पसमांदा तबक़ात और अक़लीयतों की भलाई और तरक़्क़ी की पाबंद है। हुकूमत ने इन तबक़ात के लिए ख़ुद रोज़गार से मुताल्लिक़ कई स्कीमात का आग़ाज़ किया है और मुख़्तलिफ़ इदारों से उन्हें सब्सीडी और बैंकों से क़र्ज़ की फ़राहमी को यक़ीनी बनाया जा रहा है। वज़ीर फ़ाइनेन्स आज तेलंगाना असेंबली में वक्फ़ा सवालात के दौरान कांग्रेस के रुक्न टी जीवन रेड्डी के सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्हों ने कहा कि अक़लीयतों की तरक़्क़ी से हुकूमत की दिलचस्पी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 10 अज़ला के लिए हुकूमत ने अक़लीयती बहबूद के तहत 1030 करोड़ रुपये मुख़तस किए हैं।
उन्हों ने बताया कि अक़लीयतों और दीगर पसमांदा तबक़ात के लिए मुख़्तलिफ़ इदारों के तहत 80 से ज़ाइद स्कीमात हुकूमत के ज़ेरे ग़ौर है। वज़ीर फ़ाइनेन्स ने करीम नगर ज़िला में गुज़िश्ता मालीयाती साल मुख़्तलिफ़ स्कीमात के तहत अक़लीयतों और दीगर तबक़ात को फ़राहम की गई इमदाद की तफ़सीलात ब्यान की। टी जीवन रेड्डी ने हुकूमत से मुतालिबा किया कि वो कमज़ोर तबक़ात और अक़लीयतों से किए गए वादों पर अमल आवरी को यक़ीनी बनाए।
उन्हों ने कहा कि बैंकों की जानिब से क़र्ज़ की इजराई के सिलसिले में कमज़ोर तबक़ात को दुशवारीयों का सामना है। चीफ़ मिनिस्टर ने इस सिलसिले में बैंकर्स कमेटी का इजलास तलब करने का त्यक़्कुन दिया।