तेलंगाना हुकूमत की मुल्क भर में सताइश, रिकार्ड अवामी ताईद

हैदराबाद 12 जून:तेलंगाना हुकूमत ने बीजेपी के क़ौमी सदर अमीत शाह के इन दावओं को मुस्तर्द कर दिया कि मर्कज़ी हुकूमत ने पिछ्ले दो बरसों के दौरान तेलंगाना को 90 हज़ार करोड़ रुपये फ़राहम किए हैं। वज़ीर फाइनैंस ई राजिंदर, डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर मुहम्मद महमूद अली, रुकने असेंबली आर बालकिशन और रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल रामलो नायक ने मुशतर्का प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब करते हुए वाज़िह किया कि मर्कज़ी हुकूमत ने पिछ्ले दो बरसों के दौरान तेलंगाना को सिर्फ 36 हज़ार करोड़ रुपये जारी किए हैं।

वर्ंगल के सूर्यपेट में जल्सा-ए-आम से ख़िताब के दौरान अमीत शाह की तरफ से दिए गए आदाद-ओ-शुमार पर शदीद रद्द-ए-अमल का इज़हार करते हुए वज़ीर फाइनैंस ने कहा कि अमीत शाह दरअसल अवाम को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की ज़ाइद इमदाद का एलान करते हुए ये तास्सुर देने की कोशिश की जा रही है कि मर्कज़ी हुकूमत की रक़ूमात अवाम तक नहीं पहुंच रही हैं।

राजिंदर ने कहा कि क़ौमी सदर के ओहदे पर फ़ाइज़ शख़्स के लिए ये जे़ब नहीं देता कि ग़लत मालूमात के ज़रीये अवाम को गुमराह करें। उन्होंने बताया कि 2014-15के दौरान तेलंगाना को सी एस एस के तहत 5028 करोड़, मर्कज़ी सेंट्रल टैक्सेस के तहत 8189 करोड़ , एन डी आर एफ़ के तहत 19 करोड़, फाइनैंस कमीशन के ज़रीया 2110 करोड़ के बिशमोल जुमला 15345 करोड़ रुपये जारी किए गए जबकि 2015-16 में जुमला 19944करोड़ रुपये जारी किए गए।

इस में सी एस एस के तहत 6047 करोड़, सेंट्रल टैक्सेस के तहत 12351करोड़, एन डी आर एफ़ के तहत 468करोड़ और फ़ीनानस कमीशन से 1078करोड़ रुपय शामिल हैं। इस तरह गुज़शता दो बरसों में मजमूई तौर पर 35289करोड़ रुपय जारी किए गए। वज़ीर फाइनैंस ने अमीत शाह के इस बयान की मुज़म्मत की जिसमें उन्होंने कहा कि तेलंगाना में नज़म-ओ-नसक़ ठीक नहीं है और सियासी ख़ला पैदा हो चुका है जिसे सिर्फ बीजेपी पूरा कर सकती है।

राजिंदर ने कहा कि तेलंगाना में पिछ्ले दो बरसों में बीजेपी को अवामी ताईद हासिल नहीं हुई। जितने भी ज़िमनी चुनाव हुए बीजेपी की ज़मानत भी नहीं बच सकी।

ग्रेटर हैदराबाद के हुदूद में बीजेपी के 5 अरकाने असेंबली के बावजूद बीजेपी को एक कारपोरीटर भी हासिल नहीं हुआ।उन्होंने कहा कि दो बरसों के दौरान हुकूमत को अवामी ताईद का नतीजा है कि तमाम चुनाव में भारी और रिकार्ड अक्सरीयत के साथ टीआरएस कामयाब हुई है।