तेलंगाना : हैदराबाद के ताल्लुक़ से तीन तजावीज़ पर मबनी सिफ़ारिशात

कांग्रेस वर्किंग कमेटी और यू पी ए राबिता कमेटी ने आंध्र प्रदेश की तक़सीम और तेलंगाना रियासत के क़ियाम के हक़ में फैसला करलिया है।

ताहम हैदराबाद के मौक़िफ़ को लेकर मर्कज़ी हुकूमत को क़तई फैसला करने में दुशवारी का सामना है। बावसूक़ ज़राए ने बताया कि रियासत की तक़सीम की सूरत में हैदराबाद के मौक़िफ़ को लेकर कांग्रेस पार्टी के आला क़ाइदीन और वज़ारत-ए-दाख़िला में इख़तेलाफ़ात उभरकर सामने आचुके हैं।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के फैसले के बाद वज़ारत दाख़ल रियासत की तक़सीम के अमल को आगे बढ़ाने के लिए हिदायत दी गई थी। क़वाइद के मुताबिक़ वज़ारत-ए-दाख़िला रियासत की तक़सीम से मुताल्लिक़ एक नोट तैयार करते हुए मर्कज़ी काबीना के रूबरू पेश करती है।

ज़राए ने बताया कि वज़ारत-ए-दाख़िला ने कांग्रेस के आला क़ाइदीन हत्ताके ए के अनटोनी की ज़ेर क़ियादत सहि रुकनी कमेटी से मुशावरत के बगैर ही नोट की तैयारी का काम शुरू करदिया।

ज़राए ने बताया कि सीमा आंध्र अवाम के ख़दशात और अंदेशों को दूर करने के लिए क़ायम करदा ए के अनटोनी कमेटी की रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले ही वज़ारत-ए-दाख़िला ने अपने नोट को क़तईयत देदी है जिस में हैदराबाद को मर्कज़ी ज़ेर इंतेज़ाम इलाका क़रार देने की सिफ़ारिश शामिल है।

वज़ारत-ए-दाख़िला की तरफ से नोट की तैयारी की इत्तेला मिलते ही कांग्रेस हाईकमान के कई क़ाइदीन ने अपनी नाराज़गी का इज़हार किया। इन का कहना हैके ए के अनटोनी कमेटी की सिफ़ारिशात के बाद ही वज़ारत-ए-दाख़िला को अपनी रिपोर्ट तैयार करनी चाहीए थी।

बताया जाता हैके सीमा आंध्र इलाक़ों में जारी शदीद एहतेजाज को देखते हुए वज़ारत-ए-दाख़िला ने तीन मुतबादिल इमकानात के साथ अपना नोट तैयार किया है जिस में हैदराबाद को मर्कज़ी ज़ेर इंतेज़ाम इलाक़ा क़रार देना पहली तरजीह है।

दुसरे दो इमकानात में हैदराबाद को दोनों रियास्तों का मुस्तक़िल दार‍ रुल‍ हुकूमत क़रार देना यह फिर पांडीचेरी की तरह हैदराबाद को अलहदा रियासत का दर्जा देना शामिल है।

वज़ारत-ए-दाख़िला की तरफ से हैदराबाद को मर्कज़ी ज़ेर इंतेज़ाम इलाक़ा क़रार देने से मुताल्लिक़ तजवीज़ को तरजीह देने की इत्तेला मिलते ही कांग्रेस आला कमान से ताल्लुक़ रखने वाले बाअज़ क़ाइदीन ने तेलंगाना क़ाइदीन को उसकी इत्तेला दी और उनसे कहा कि वो 10 अज़ला पर मुश्तमिल तेलंगाना रियासत के अपने मौक़िफ़ के हक़ में जद्द-ओ-जहद को तेज़ करें।

मर्कज़ी वज़ारत-ए-दाख़िला के मौक़िफ़ की इत्तेला मिलते ही कांग्रेस के तेलंगाना क़ाइदीन दुबारा सरगर्म होगए और मर्कज़ी ज़ेर इंतेज़ाम इलाक़ा क़रार देने की तजवीज़ की मुख़ालिफ़त करने लगे।

टी आर एस और तेलंगाना पोलीटिक्ल जवाइंट एक्शन कमेटी ने भी मर्कज़ी ज़ेर इंतेज़ाम इलाक़ा क़रार देने की तजवीज़ को कुबूल करने से इनकार करदिया है।

बी जे पी और सी पी आई जो अलहदा तेलंगाना के हक़ में हैं , वो भी इस तजवीज़ की मुख़ालिफ़त कररहे हैं। बावसूक़ ज़राए ने बताया कि वज़ारत-ए-दाख़िला की तरफ से हैदराबाद के बारे में जिन तीन इमकानात की निशानदेही की गई , इस से कांग्रेस हाईकमान के बाअज़ क़ाइदीन को भी इख़तिलाफ़ है।

ज़राए ने बताया कि मर्कज़ी वज़ीर दाख़िला सुशील कुमार शिंदे भी हैदराबाद को मर्कज़ी ज़ेर इंतेज़ाम इलाक़ा क़रार देने के हक़ में हैं। इन का मानना हैके इस तजवीज़ के ज़रीये सीमा आंध्र में जारी एहतेजाज की शिद्दत को कम किया जा सकता है।

ज़राए के मुताबिक़ सदर कांग्रेस सोनिया गांधी की अमरीका से वापसी के बाद वज़ारत-ए-दाख़िला के नोट का जायज़ा लिया जाएगा और उसे मर्कज़ी काबीना के रूबरू पेश किया जाएगा।