तेलगुदेशम की यात्रा

तेलगुदेशम आंधरा प्रदेश की सियासत अब मुनफ़रद और अनोखे सयासी माहौल में क़दम रखते नज़र आरही है। वरंगल में सदर तेलगुदेशम चंद्रा बाबू नायडू की किसानों के हक़ में निकाली गई यात्रा की कामयाबी के बाद तेलगुदेशम के कैडर्स में हौसले बुलंद होते नज़र आ रहे हैं।

रियासत की सयासी ज़िंदगी में कांग्रेस का तवील रोल रहा है इस के बाद इलाक़ाई पार्टीयों ने अवाम के ऐन ख़ाहिशात को मद्द-ए-नज़र रख पालिसी बनाई तो उन्हें अवाम ने सर आँखों पर बैठा लिया। तेलगुदेशम पार्टी को सब से ज़्यादा एहमीयत इस लिए दी गई क्योंकि इस ने तेलगु अवाम के इज़्ज़त नफ़स को मल्हूज़ रख कर इस के तहफ़्फ़ुज़ के लिए जद्द-ओ-जहद शुरू कर दे‍।

एन टी रामा राव् के बाद चंद्रा बाबू नायडू ने तेलगु अवाम की उम्मीदों पर पूरा उतरने की कोशिश की रियासत की तरक़्क़ी कुमलक की दीगर रियास्तों की सफ़ में सर-ए-फ़हरिस्त लाया। कांग्रेस का मसला ये रहा है कि वो वक़्त आने पर अपने मुहासिन पर नहीं हिज़्ब-ए-मुखालिफ़ की ख़राबियों के तज़किरे पर सियासत करती है।

आंधरा प्रदेश में इन दिनों हुक्मराँ पार्टी का मौक़िफ़ कुछ इस तरह है कि वो कुछ कर सकती है ना दिखा सकती है बल्कि अपनी पुरानी पालिसीयों और कामों का सहारा लेकर अवाम को गुमराह करती आ रही है।

कांग्रेस के सीनीयर क़ाइदीन के कारनामों को ही अपनी सयासी ज़िंदगी की लाठी बना रखा है। नई सिम्त में नई पालिसीयों के साथ क़दम रखना उसे नहीं आता। मुल्की मसाइल का हल पेश नहीं करसकती तो वो इलाक़ाई मसाइल का हल निकालने में किस तरह कामयाब होगी।

नफ़रतों को सियासत की बुनियाद बना कर हुक्मरानी करनेवाली कांग्रेस के लिए तेलगुदेशम ने मुतबादिल हुकूमत पेश करके आंधरा प्रदेश में कई इन्क़िलाबी तबदीलीयां लाई थीं। चंद्रा बाबू नायडू ने इलाक़ा तलंगाना में अपनी यात्रा निकाल कर नए माहौल में काबुल अमल सियासत और प्रोग्राम को रूबा अमल लाया है।

यात्रा की बज़ाहिर मुख़ालिफ़त की गई पथराव हुआ, एहतिजाजी मुज़ाहिरे किए गए लेकिन अवाम की एक बड़ी तादाद ने इन का वालहाना ख़ौरमक़दम किया। इस यात्रा का आग़ाज़ हैदराबाद से हुआ और वरंगल पहूंचने तक ये यात्रा अपने नुक्ता उरूज कर पहूंच गई।

किसानों के मसाइल की इस्लाह की सूरत निकालने और अवाम के सुलगते मसाइल पर तवज्जा देने का जज़बा रखने वाले क़ाइद चंद्रा बाबू नायडू को इस यात्रा के ज़रीया मिलने वाले अवाम के प्यार और हिमायत को कयाश कराने में देर नहीं लगेगी वो मुआमलाफह्म, बसीरत रखने वाले सियासतदां हैं उन्हों ने वायदा किया है कि आंधरा प्रदेश की सियासत में इस्लाह के लिए जामि लायेहा-ए-अमल सामने रखेंगी। किसानों और दीगर शहरीयों के मसाइल को हल करेंगी।

तेलगुदेशम के नौजवान कैडर में हौसला बख़शने वाले चंद्रा बाबू नायडू ने अवाम के सयासी शऊर की नब्ज़ को पहचान ली है। अब वो इलाक़ा तेलंगाना में अवाम के जज़बात से खिलवाड़ करने वालों के दरमयान अपनी राह बनाने में कामयाब होने की कोशिश करसकते हैं। अवाम के जज़बात को अब अक़ल के सांचे में ढालते हुए ऐसे लीडरों को सबक़ सीखा जा सकता है जो सिर्फ जज़बात और ज़ातियात से इबारत सियासत करते आ रहे हैं।

रियासत और इलाक़ा में जो इशूज़, हालात और हक़ायक़ हैं उन की बुनियाद पर सियासत की जाये तो अवाम भी अज़ ख़ुद साथ देने के लिए उठ खड़े होंगे। चंद्रा बाबू नायडू ने किसानों के लिए अपनी जद्द-ओ-जहद जारी रखने का अह्द किया।

किसी एहतिजाज की परवाह किए बगै़र उन्हों ने यात्रा को कामयाब बनाया। एक तवील अर्सा बाद यात्रा में पार्टी के 25 अरकान असैंबली, 4 अरकान कौंसल, 3 अरकान-ए-पार्लीमैंट ने शिरकत की। इस यात्रा की कामयाबी रियासत में सयासी तबदीली की नवेद है।

चूँकि रियासत में हुक्मराँ पार्टी की दाख़िली सरगर्मीयां ये ज़ाहिर कररही हैं कि क़ौमी पार्टी का रियास्ती सतह पर दाख़िली निज़ाम अबतर है और ये बतदरीज बाज़ीचा इतफ़ाल बनता जा रहा है। पार्टी के अंदर क़ाइदीन की रसा कुशी चीफ़ मिनिस्टर और सदर प्रदेश कांग्रेस के इख़तिलाफ़ात अब ज़्यादा दिन तक पोशीदा नहीं रहेंगी। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर को भी हुकूमत के सरबराह से शिकायत है।

पार्टी में होने वाले शब-ओ-रोज़ ज़ौक़ तमाशों का एक सिलसिला जारी है इस लिए चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी को अपनी काबीना में तौसीअ का फ़ैसला मोख़र करना पड़ा। काबीना में रद्दोबदल की जाती है तो सयासी धमाके होंगे इस लिए हाईकमान फ़िलहाल रियास्ती मसला को दबा कर रखना चाहती है।

वस्वसों, वाहमों और अंदेशों में बसेरा करनेवाली कांग्रेस पार्टी रियास्ती अवाम की तरक़्क़ी और किसानों के मसाइल पर किस तरह तवज्जा दे सकेगी इस लिए अवाम के शऊर ने भी तेलगुदेशम की मसीहाई में अपना मुस्तक़बिल तलाश करना शुरू किया है।

अब चंद्रा बाबू नायडू को हुकूमत की बुलंद मस्नदों पर बैठ कर राज करने वाले क़ाइदीन की ख़राबियों, नाकामियों से अवाम को वाक़िफ़ कराने का काम तेज़ करना होगा। रियासत को दरपेश हमा नौ बोहरानों का उन से अच्छा तजज़िया कोई नहीं कर सकता और फिर वो पार्टी कैडरस को मुजतमा करके पूरी तनदही के साथ रियासत की तरक़्क़ी नौ और अवामी मसाइल की यकसूई का एक मिशन शुरू करें तो तेलगुदेशम की सयासी अज़मत रफ़्ता की बहाली यक़ीनी होगी।

वरंगल की यात्रा बिलाशुबा रियासत आंधरा प्रदेश की साकित सियासत में सूनामी ना सही एक और इर्तिआश तो पैदा करने में कामयाब हुई है। किसानों के ज़र्द चेहरों की तरह उन की फसलों के पत्ते भी ज़र्द पड़ चुके थे मगर अब उन की मसीहाई की बिहार आने वाली है तो इलाक़ाई सियासत का दर्जा हरारत भी बढ़ता जाएगा। वरंगल की यात्रा को तेलगुदेशम की करवट लेती सियासत का अहम वसीला क़रार दिया जा रहा है।

यात्रा में हिस्सा लेने वाले अवाम में भी तबदीली के लिए बेपनाह जोश-ओ-ख़ुरोश पाया गया। इस से मालूम होता है कि अवाम में मुस्तक़बिल की फ़िक्र पैदा हो गई है। बाख़बर लोग जानते हैं कि रियासत की सियासत रूख बदलते का इंतिज़ार कर रही है।