हैदराबाद: मुख्यमंत्री आंध्र प्रदेश और तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू की ओर से माइनॉरिटीज विशेषकर मुसलमानों को लुभाने की अचानक प्रयासों से आने वाले दिनों में उनकी पार्टी और भाजपा में संभावित फूट पर राजनीतिक हलकों में एक दिलचस्प बहस हो गई है। नायडू की ओर से मुसलमानों को उनके कल्याण के लिए भरपूर मदद करने का वादा करते हुए उनकी सरकार को उनके समर्थन प्राप्त करने के प्रयासों से राजनीतिक विश्लेषकों की ओर से दो सहयोगी दलों तेलुगु देशम और भाजपा के बीच गठबंधन टूट जाने की संभावना की पेश की जा रही है।
मुख्यमंत्री, जो पिछले दो साल में किसी मुस्लिम नेता को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने के बारे में नहीं सोचा था, अब अचानक यह घोषणा की है कि एक मुस्लिम नेता जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल में स्थान मिलेगा। शनिवार की रात विजयवाड़ा में मुस्लिम नेताओं की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी ने माइनॉरिटीज के कल्याण के लिए कदम उठाने का निश्चय किया है। हमारी एकमात्र पार्टी है जिसने मुसलमानों के विकास उनके कल्याण के लिए विभिन्न उपाय किए हैं, जल्द ही एक मुस्लिम नेता को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले दिनो में अस्थायी राजधानी में राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए नायडू ने नई गठित राज्य आंध्र प्रदेश की वित्तीय जरूरतों पर कोई ध्यान न देने पर केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार पर अपनी नाराजगी व्यक्त जो गंभीर वित्तीय संकट से ग्रस्त है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक के बाद उनके पार्टी नेताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने समझा जाता है कि इस बात पर अफसोस जताया कि केंद्र सरकार राज्य आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर उचित ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा जाता है कि यह भी टिप्पणी की कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व आंध्र प्रदेश में वित्तीय कठिनाइयों का सामना तेलुगु देशम सरकार की वित्तीय कठिनाइयों को दूर करने पर ध्यान देने से अधिक तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के साथ दोस्ती करने में गंभीर है । तेलुगु देशम पार्टी में रहने वालों के अनुसार नायडू केंद्र की ओर से राज्य को इस पूंजी निर्माण पोलावार्म सिंचाई प्रोजेक्ट और भारी राजस्व घाटा पर काबू पाने के लिए पर्याप्त फंड्स न देने पर नाराज हैं। इसके अलावा तेलुगु देशम नेताओं में यह संदेह बढ़ रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने अगले आम चुनाव तक वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के विकल्प को खुला रखा है।
तेलुगु देशम के एक नेता ने कहा कि हमें इस बात का संदेह है कि 2019 के चुनाव तक तो हमारी पार्टी जनता के विश्वास को बनाए रखने में विफल हो जाए तो भाजपा। वाईएसआर कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी। इसीलिए हमारे पार्टी नेता चंद्रबाबू नायडू आगामी चुनाव तक वाईएसआर कांग्रेस को तोड़ने में गंभीर हैं और वह बार बार हम कह रहे हैं कि जगन की पार्टी से विचलन को प्रोत्साहित करें ताकि इसे और अधिक कमजोर किया जा सके। इस पृष्ठभूमि में नायडू ने अचानक माइनॉरिटीज विशेषकर मुसलमानों के लिए कल्याणकारी कदम उठाने घोषणाओं करना शुरू कर दिया है।
वाईएस राजशेखर रेड्डी के हर फैसले का विरोध करने की उनकी आदत के विपरीत चंद्रबाबू नायडू ने मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण के लिए वाईएसआर के प्रस्ताव का खुलकर समर्थन भी है। मुस्लिम नेताओं ने बताया कि नायडू ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो वह मुसलमानों को शिक्षा और रोजगार में चार प्रतिशत आरक्षण की आपूर्ति के लिए कानूनी रास्ता अख्तियार करने के लिए तैयार हैं।