तेलुगूदेशम के मुअत्तल करदा अरकान पार्लीमान 26 अगसट से पार्लीमैंट के रूबरू मरण बरत का आग़ाज़ करेंगे। तेलुगूदेशम पार्टी के सीमा आंध्र इलाक़ों से ताल्लुक़ रखने वाले अरकान-ए-पार्लीमैंट ने आज इस बात का एलान किया हैके वो रियासत को मुत्तहिद रखने के लिए हर क़ीमत पर जद्द-ओ-जहद जारी रखेंगे।
उन्होंने वाज़िह किया कि तेलुगूदेशम पार्टी की तरफ से जो मौक़िफ़ इख़तियार किया गया है उन्हें कोई इन्हिराफ़ नहीं है लेकिन हुकूमत ने जो फ़ैसला किया है इस से इख़तिलाफ़ करते हुए ज़रूर बह ज़रूर अपनी क़ुर्बानियां पेश करेंगे और रियासत के मौजूदा मौक़िफ़ की बरक़रारी की कोशिश करेंगे।
रुकन पार्लीमैंट सी एम रमेश,के नारायण राव ने आज ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए बताया कि तेलुगूदेशम पार्टी से ताल्लुक़ रखने वाले मुत्तहदा रियासत के हामी अरकान-ए-पार्लीमैंट पिर से पार्लीमैंट के रूबरू एहतेजाज का आग़ाज़ करेंगे जहां वो दुसरे सयासी जमातों को अपने ख़दशात से वाक़िफ़ करवाते हुए रियासत को मुत्तहिद रखने के मुतालिबे में शिद्दत पैदा करवाईंगे।
सी एम रमेश ने बताया कि रियासत आंध्र प्रदेश को मुत्तहिद रखने के लिए ये ज़रूरी हैके मर्कज़ी हुकूमत खस्कर कांग्रेस पर दबाओ में इज़ाफ़ा किया जाये। इन अरकान पार्लीमान ने कांग्रेस पर सयासी मुफ़ादात के लिए रियासत की तक़सीम का इल्ज़ाम लागते हुए कहा कि कांग्रेस 2014 आम चुनाव को नज़र में रखते हुए रियासत की तक़सीम के ज़रीये ज़ाइद लोक सभा नशिस्तें हासिल करने की कोशिश कररही है।
रुकन राज्य सभा तेलुगूदेशम पार्टी ने जगन मोहन रेड्डी की भूक हड़ताल पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए कहा कि जगन की भूक हड़ताल चोर मचाए शोर के मुतरादिफ़ है। चूँकि जगन मोहन रेड्डी जो कुछ कररहे हैं वो मर्कज़ी हुकूमत और कांग्रेस हाईकमान के इशारों पर कररहे हैं।
जबकि रियासत की तक़सीम के मआमले पर तेलुगूदेशम पार्टी संजीदा जद्द-ओ-जहद जारी रखे हुए है। सी एम रमेश ने कहा कि तेलुगूदेशम पार्टी के मुत्तहदा रियासत के हामी अरकान असेंबली की ग़ैर मुअयना मुद्दत की भूक हड़ताल का कल सुबह 10.30 बजे आग़ाज़ होगा और इस भूक हड़ताल के ज़रीये तेलुगूदेशम अरकान पार्लीमान सारे मुल्क को एक पैग़ाम देने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने बताया कि जिस दिन कांग्रेस हाईकमान और राबिता कमेटी ने रियासत की तक़सीम का फ़ैसला क्या उस दिन से सीमा आंध्र इलाक़ों में एहतेजाज जारी है।
लेकिन मर्कज़ी हुकूमत को अवाम के ख़दशात को दूर करने से ज़्यादा 2014 आम चुनाव में ज़्यादा से ज़्यादा नशिस्तें हासिल करने की फ़िक्र लाहक़ है।