* वोटरों में जे़वरों की तक़सीम के सबब सुनारों पर कड़ी नज़र
हैदराबाद । (सियासत न्यूज़) राजय के 12 जिलो में इस माह 12 जून को 18 असेंबली सिटों और एक लोक सभा सिट के लिए होने वाले उपचुनाव के सिलसिले में वोटरों में जेवरों कि तक़सीम पर रोक लगाने के लिए रियास्ती इलेक्शन मिशनरी जेवरों की तैयारी ओर दुसरे मुक़ामों को भेजने के इलावा कई मुक़ामात पर ये जेवर तक़सीम किए जा रहे हैं। कड़ी नज़र रखी जा रही है।
उप चुनाव वाले इलाकों में मुक़ामी पुलिस ओहदेदारों ओर दुसरे चुनावी डयूटी करने वाले ओहदेदारों की तरफ से वोटरों को राग़िब करने के लिए मुख़्तलिफ़ चिजें खास कर जेवरों की तक़सीम को रोकने के इक्दामात किये जारहे है। आज यहां सेक्रेट्रेट में इन से (सी ई ओ से) मुलाक़ात करने वाले अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए स्टेट चीफ़ इलेक्ट्रोरल ऑफीसर मिस्टर भंवरलाल ने ये बात बताई और कहा कि जेवरों की तक़सीम से मुताल्लिक़ आम शिकायात ओंगोल और तिरूपति से हासिल होरही हैं।
उन्हों ने तेल्गु दैनीक साक्षी को उ;अ चुनाव के इनइक़ाद तक बंद कर देने कांग्रेस पार्टी के मुतालिबा पर बताया कि अख़बार को बंद करने के लिए कोई इक़दामात नहीं किए जा सकते हैं, लेकिन जो कोई भी पेड न्यूज़ आइटम तेल्गु रोज़नामा साक्षी में छपे होंगे, इस सिलसिले में सख़्त कार्रवाई करके इस के खर्चें पार्टी या उम्मीदवार के खर्चों में शामिल किए जाएंगे।
उन्हों ने कहा कि रियास्ती चीफ़ इलेक्ट्रोरल ऑफीसर ने कहा कि हर सतह पर यानी देही सतह से मंडल सतह पर अख़बारात में पेड न्यूज़ आइटम पर गहिरी नज़र रखी जा रही है। अख़बारी नुमाइंदों के एक सवाल का जवाब देते हुए मिस्टर भंवरलाल ने बताया कि सिर्फ मुस्लिमा सियासी पार्टियों के उम्मीदवारों से मुताल्लिक़ दौलत के हलफनामे वैब साईट पर रखे गए हैं और अनय आज़ाद उम्मीदवार या रियास्ती सतह की रजिस्टर्ड सियासी पार्टियों से ताल्लुक़ रखने वाले उम्मीदवारों कि दौलत के हलफनामे हासिल तो किए जा रहे हैं, लेकिन इन हलफनामों को वैब साईट पर नहीं रखा जा रहा है क्योंकि केन्द्रीय इलैक्शन कमीशन की तरफ से वाज़िह तौर पर इस सिलसिले में हिदायात दी गई हैं कि वैब साईट पर सिर्फ मुस्लिमा सियासी पार्टियों के उम्मीदवारों से मुताल्लिक़ दौलत के हलफनामे ही वैब साईट पर रखे जाएं।
राजय चीफ़ इलेक्ट्रोरल ऑफीसर ने कहा कि चुनावी मुहिम ओर चुनावी जलसों के समय यानी 10 बजे शब के बाद जो कोई भी सियासी पार्टी के उम्मीदवारों की तरफ से चुनावी जलसे या चुनावी मुहिम जारी रहेगी, उन के ख़िलाफ़ इलेक्शन काइदों की ख़िलाफ़वरज़ी के तहत केसे ज़रूर दर्ज किए जा रहे हैं और उम्मीदवारों को इलेकशन काइदों पर सख़्ती के साथ अमल करने के लिए पाबंद किया जा रहा है।
अहम लिडरों की चुनावि मुहिम में बड़े पैमाने पर गाड़ीयों की मौजूदगी से मुताल्लिक़ पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्हों ने बताया कि पहले गाड़ीयों की तादाद पर हद तय की गई थी लेकिन अब केन्द्रीय इलैक्शन कमीशन ने गाड़ीयों की हद को ख़तन करके गाड़ीयों के इस्तिमाल के लिए इजाज़त के हुसूल को लाज़िमी क़रार दिया है और जो गाड़ीयों को इजाज़त नहीं होगी इन गाड़ीयों को अहम लिडरों के मोटरकारों के क़ाफ़िला में शामिल होने नहीं दिया जाएगा और जितनी ज़्यादा गाड़ियां क़ाफ़िला में शामिल रहेंगी, उतने ही खर्चें उम्मीदवार या पार्टी के खर्चों में शामिल किए जाएंगे