कोलकता, 01 फरवरी: ( एजेंसी) मुल्क में सेक्स वर्कर्स और ज़नख़ों के ख़िलाफ़ अक्सर-ओ-बेशतर ग़लत रिमार्कस किए जाते हैं । हाल ही में बाअज़ सियासतदानों की जानिब से सेक्स वर्कर्स के ख़िलाफ़ नाज़ेबा अल्फ़ाज़ पर उनके नुमाइंदों ने मग़रिबी बंगाल ह्यूमन ( Human) राईट्स कमीशन (WBHRC) से रुजू करते हुए दरख़ास्त की कि वो इस मुआमला में मुदाख़िलत करे क्योंकि नाज़ेबा रिमार्कस के इंसानी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़वर्ज़ी की गई है ।
याद रहे कि रियासत में सेक्स वर्कर्स की नुमाइंदगी करने वाली एक मूसिर एन जी ओ दरबार महिला सम्मेलन कमेटी मौजूद है और साथ ही साथ ज़नख़ों की एक एसोसीएसन ने भी इंसानी हुक़ूक़ कमीशन में पूरी तफ़सीलात के साथ अपनी शिकायत दर्ज करवाई है ।
दोनों ही एन जी औज़ ने अपनी शिकायत में वाज़िह तौर पर कहा है कि उनके ख़िलाफ़ जो रिमार्कस किए गए हैं वो इंतिहाई तौहीन आमेज़ हैं जिस पर कमीशन ने उन्हें तयक्कुन दिया है कि वो इस मुआमला की जांच परताल करेगा । यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि 28 जनवरी को ऑल इंडिया फ़ारवर्ड बलॉक के एक सीनीयर क़ाइद ने तृणमूल कांग्रेस को मौकापरस्त क़रार देते हुए इसके रवैय्या को किसी सेक्स वर्कर के रवैय्या से मुमासिल क़रार दिया था जिसका फ़ौरी तौर पर रद्दे अमल ज़ाहिर करते हुए तृणमूल के एक वज़ीर ने फ़ारवर्ड बलॉक को ज़नख़ा( हिजड़ा) क़रार दिया था क्योंकि वो बाएं महाज़ की हुक्मरानी के दौर में सी पी आई(एम) के ज़ुल्म-ओ-सितम के ख़िलाफ़ एहतिजाज नहीं कर सका था ।