श्रीनगर: कॉन्स टेबल मंजूर अहमद नायक ने आतंकियों का सामना करते हुए अपनी जान देश के नाम पर कुर्बान कर दी. नायक अगर नहीं होते तो शायद दोनों आतंकी भागने में कामयाब हो जाते.
मामला यह है कि शनिवार को जम्मूा कश्मीनर के त्राल में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर शुरू हुआ, जोकि 15 घंटे तक चले. इस एनकाउंटर में दो आतंकवादी मारे गए थे. बता दें कि इस एनकाउंटर में जम्मूक कश्मी र पुलिस के कॉन्स टेबल मंजूर अहमद नायक ने बहादुरी का जो नमूना पेश किया वो गौरवान्वित है.
एनकाउंटर के दौरान एक आतंकी एक घर में छिपकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर रहा था. वो नायक ही थे जिन्हों ने उस घर के चारो ओर विस्फोरटक लगाए थे. ये उन्ही की बहादुरी का नतीजा था जो सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराने में कामयाब हुई.
बता दें कि दो में से एक आतंकवादी घर के अन्दर छिप कर सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे. नायक के सीनियर्स उन्हेंत सलाह देते रहे कि वह घर की तरफ न जाएं. बावजूद इसके उन्हों ने इस बात पर जोर दिया कि वह घर के आसपास विस्फोिटक लगाना चाहते हैं.
नायक ने अंधेरे में घर के चारों ओर विस्फोटक लगाने के लिए रेंगते हुए घर की ओर बढ़े. विस्फोेटक लगाकर वापस लौटे. लेकिन विस्फोकट में सिर्फ आधा घर ही नष्टब हो सका. दो घंटे के अन्तराल में वे एक बार फिर विस्फोाटक लगाने के लिए घर की तरफ बढ़े. इसी बीच दुश्म्न ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी जिससे वह बुरी तरह से जख्मीि हो गया, इतना होने के बाद भी उनहोंने आगे बढ़ते रहे और घर के बचे हिस्सेख में विस्फोटक लगाकर ही उन्होंाने दम लिया.