त्रिवेदी मसला पर लोक सभा में मुबाहिस

वज़ीर रेलवे दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफ़ा वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के ज़ेर-ए-ग़ौर है। इस मसला पर लोक सभा में मुख़्तसर ग़ैर रस्मी मुबाहिस का जवाब देते हुए क़ाइद ऐवान परनब मुकर्जी ने कहा कि त्रिवेदी ने अपना मकतूब इस्तीफ़ा कल शाम वज़ीर-ए-आज़म को रवाना कर दिया है और वज़ीर-ए-आज़म इस पर ग़ौर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मकतूब पर तरीका-ए-कार के मुताबिक़ इसे सदर जमहूरीया के पास रवाना किया जाएगा जो इस पर वज़ीर-ए-आज़म से मुशावरत के बाद फ़ैसला करेंगी। उन्होंने कहा कि जब भी फ़ैसला किया जाए, ऐवान को इत्तिला दी जाएगी। अपोज़ीशन क़ाइदीन ने दावा किया कि ऐवान को इस मसला पर अंधेरे में रखा गया।

मुकर्जी ने कहा कि जुमा के दिन वज़ीर-ए-आज़म को सदर तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी ने इत्तिला दी थी और इस वक़्त तक त्रिवेदी मुस्ताफ़ी नहीं हुए थे। परनब मुकर्जी ने निशानदेही की कि मर्कज़ी बजट लोक सभा में पेश करने के बाद इजलास आज तक के लिए मुल्तवी कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि हुकूमत ऐवान को साबिक़ दस्तयाब मौक़ा पर तब्दीलीयों से वाक़िफ़ करवा चुकी है। स्पीकर मीरा कुमार ने क़ब्लअज़ीं यशवंत सिन्हा (बी जे पी), बासू दीप आचार्य (सी पी आई एम) और गुरु दास दास गुप्ता (सी पी आई) की वक़्फ़ा-ए-सवालात मुअत्तल करने की नोटिस मुस्तर्द कर चुकी थीं ताकि इस मसला पर मुबाहिसा हो सके।

त्रिवेदी का मसला उठाते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि पूरी क़ौम इस संगीन दस्तूरी बोहरान पर नज़रें जमाए हुए है और लोक सभा इस से बख़ूबी वाक़िफ़ है। उन्होंने मुतालिबा किया कि वज़ीर-ए-आज़म को फ़ौरी लोक सभा को सूरत-ए-हाल से वाक़िफ़ करवाना चाहीए।

बासू दीप आचार्य ने कहा कि इन के 33 साला पारलीमानी कैरीयर में ऐसा कोई वज़ीर नहीं देखा जिसे मुस्ताफ़ी होने पर मजबूर किया जा रहा हो। वज़ारत रेलवे से इस्तीफ़ा के लिए ममता बनर्जी के इताब का शिकार दिनेश त्रिवेदी ने अपना रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए कहा कि मुल्क में हद से ज़्यादा सियासत ग़ालिब है।

हमारे निज़ाम को इससे बालातर होना चाहीए। गुज़श्ता रात अपना इस्तीफ़ा पेश कर देने वाले दिनेश त्रिवेदी ने प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि हुकूमती निज़ाम सियासत से बालातर होना चाहीए। चीन इस मुआमले में हम से 50 साल और जापान 47 साल आगे है।