तक़सीम के मसले पर मर्कज़ी क़ाइदीन पर तन्क़ीद की मज़म्मत

मर्कज़ी वज़ीर पनाबाका लक्ष्मी का मुत्तहदा रियासत हामी होने का इद्दिआ, इस्तीफे से इनकार

पनाबाका लक्ष्मी ने कहा कि वो शख़्सी तौर पर मुत्तहदा आंध्र की हामी हैं, मगर मुस्ताफ़ी होने के लिए तैयार नहीं हैं। वाज़िह रहे कि गुंटूर रेलवे स्टेशन पर मुत्तहदा आंध्र के हामीयों ने इनका घीराव‌ करते हुए उनसे इस्तीफ़ा देने का मुतालिबा कर रहे थे, जिस पर उन्होंने अपने मज़कूरा ख़्यालात का इज़हार किया।

उन्होंने कहा कि वो रियासत को मुत्तहिद रखने के लिए अपनी तरफ़ से हर मुम्किन कोशिश कर रही हैं, हाईकमान के सीनीयर क़ाइदीन पर दबाव‌ डाल रही हैं और सीमा। आंध्र के एहतेजाज से उन्हें वाक़िफ़ करा रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें टिकट दिया है और वो कांग्रेस के टिकट पर कामयाब भी हुई हैं, लिहाज़ा हाईकमान का फ़ैसला क़ुबूल करना उनकी ज़िम्मेदारी है।

हाईकमान ने अगर रियासत की तक़सीम का फ़ैसला किया है तो वो उसे क़ुबूल करेंगी और इस पर क़ायम रहेंगे। उन्होंने चैलेंज किया कि अगर कोई क़ाइद रियासत की तक़सीम को रोक सके तो वो अपना इस्तीफ़ा इसके हवाले करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि तमाम जमातों और क़ाइदीन से मुशावरत के बाद अक्सरीयती राय का एहतिराम करते हुए कांग्रेस ने तेलंगाना की तशकील का फ़ैसला किया है।

रियासत की तक़सीम के सिलसिले में सभी जमातों ने अपनी रजामंदी ज़ाहिर की थी और अब फ़ैसले के बाद सियासी मुफ़ाद के लिए पार्टी सदर सोनीया गांधी और वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह पर तन्क़ीदें की जा रही हैं, जिसकी वो सख़्त मज़म्मत करती हैं। उन्हों ने इद्दिआ किया कि राहुल गांधी को वज़ीर-ए-आज़म बनाने के लिए कांग्रेस को 2014 तक इंतेज़ार की ज़रूरत नहीं है। जब किचंद्रबाबू नायडू ने अपने फ़र्ज़ंद लोकेश के सियासी मुस्तक़बिल के लिए आँजहानी एन टी आर के अरकाने ख़ानदान को पार्टी से दूर कर दिया है।