बैंकाक 23 अक्टूबर (एजैंसीज़) वज़ीर-ए-आज़म थाईलैंड ने आज मुल्क में सैलाब की सूरत-ए-हाल पर तबसरा करते हुए कहा कि सैलाब की शिद्दत में कमी आने के लिए कम-ओ-बेश दीढ़ माह दरकार है।
सैलाब में अब तक महलोकीन की तादाद 356 और 110,000 अफ़राद बेघर हो चुके हैं। यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि थाईलैंड को सैलाब ने माह जोकाई से अपनी लपेट में ले रखा है ।
मूसलाधार बारिश ने इस जुनूब मशरिक़ी एशियाई मुल़्क की मईशत को ज़बरदस्त नुक़्सान पहुंचाया है और कम-ओ-बेश 700,000 अफ़राद फ़िलहाल आरिज़ी तौर पर बेरोज़गार हो गए हैं।
वज़ीर-ए-आज़म यवनगल शना वत्रा ने अपने रेडीयो ख़िताब के दौरान कहा कि सैलाबी कैफ़ीयत से हालाँकि मुल्क के हालात दगरगों हो चुके हैं लेकिन मैं अवाम को कोई झूटी तसल्ली ना देते हुए सिर्फ इतना कहूँगी कि पानी की सतह में कमी आने के लिए मज़ीद वक़्त दरकार है और इस के लिए महीना दीढ़ महीना भी लग सकता है ।
इस दौरान राहत और बाज़ आबादकारी की तमाम कार्यवाहीयां जारी हैं। बेघर होजाने वाले अफ़राद को आरिज़ी कैंपस में मुंतक़िल किया गया है जहां ग़िज़ा के इलावा अदवियात का भी माक़ूल इंतिज़ाम है । जबकि महलोकीन की तादाद सरकारी तौर पर 356 बताई गई है लेकिन इस में इज़ाफ़ा भी होसकता है ।
दरीं असना थाईलैंड के वज़ीर बराए साईंस-ओ-टैक्नालोजी पलोड परासोप सरसो डी ने कहाकि आफ़ात समावी की तबाहियों के लिए इंसानी पहलूओं को भी नजरअंदाज़ नहीं करना चाआई। आज इंसानों ने ही जंगल के जंगल काट कर साफ़ कर दिए हैं जिन से कई इलाक़ों में बारिश नहीं होती लेकिन थाईलैंड में बारिश का ये आलम है कि गुज़श्ता कुछ माह में 700 बिलीयन क्यूबिक फुट पानी पूरे थाईलैंड को अपनी लपेट में ले लिया है लेकिन अवाम और हुकूमत सेलाब से निमटने अपनी तमाम तर तवानाईयां इस्तिमाल कर रहे हैं।