दंगाई भीड़ का हर कोई जुर्म का दोषी : गुजरात हाई कोर्ट

गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि दंगाई भीड़ का हर सदस्य उसके घटकों में से कुछ के किए गए अपराध का दोषी है। अदालत ने यह भी कहा कि सांप्रदायिक दंगों से जुड़े मामलों से बहुत सावधानी से निपटने की जरूरत है। मुख्य न्यायाधीश केएस झावेरी और न्यायमूर्ति जीबी शाह की पीठ ने 11 फरवरी के अपने आदेश में यह बात कही थी। अदालत ने 2003 के सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में सात दोषियों की उम्रकैद की सजा को घटाकर 10 साल के सश्रम कारावास में तब्दील करते हुए यह बात कही थी। इस आदेश को हाई कोर्ट की वेबसाइट पर हाल में अपलोड किया गया था।
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अदालत ने कहा- कानून पर्याप्त स्पष्ट है कि गैरकानूनी जमावड़े के किसी सदस्य ने जमावड़े के सामान्य उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए कोई अपराध किया है तो गैरकानूनी जमावड़े का हर सदस्य उस अपराध का दोषी होगा। गैरकानूनी जमावड़े के हर सदस्य के विशेष कार्य को साबित करने की जरूरत नहीं है जब आरोपियों के जमावड़े का सदस्य होने की बात साबित हो जाती है। अदालत ने यह आदेश सात लोगों को सुनने के बाद दिया। इन लोगों ने निचली अदालत के 2006 के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें हत्या, डकैती और दंगा के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।