ददई पर फैसला करें नहीं तो सख्त इक़दामात : वजीरे आला

वजीरे आला हेमंत सोरेन ने कांग्रेस लीडर एके एंटोनी और रियासती इंचार्ज बीके हरिप्रसाद के साथ बैठक में वज़ीर चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को लेकर नाराजगी जतायी। कहा कि ददई जैसे वज़ीर के साथ अब आगे जाना मुश्किल है। कांग्रेस ददई पर दो दिनों में फैसला करे, नहीं तो उन्हें ही सख्त इक़दामात उठाना होगा। वज़ीर ओहदे पर रहते हुए ददई जिस तरह की हरकत कर रहे हैं, उससे हुकूमत की शोबिया पर असर पड़ रहा है। वह अनर्गल बयानबाजी करते हैं। बैठक में सुखदेव भगत भी मौजूद थे।

कागजात भी सौंपे

ज़राए के मुताबिक, वजीरे आला ने ददई दुबे के खिलाफ नौ नुकाती इल्ज़ामात से मुतल्लिक़ कागजात बीके हरिप्रसाद को सौंपा है।
बैठक में कांग्रेस रियासती इंचार्ज ने कुछ दिनों का वक़्त मांगा। कहा कि वह खुद पहल कर मामले को सुलझायेंगे। बताया जाता है कि बैठक के वक़्त ही उन्होंने रियासती सदर सुखदेव भगत को ददई दुबे से बात करने की जिम्मेदारी दी। ज़राये के मुताबिक, सुखदेव भगत ने सनीचर सुबह फोन पर ददई दुबे से बात की। उन्हें बैठक की जानकारी दी। पार्टी आलाकमान की मंशा बतायी, कहा कि उनकी हरकत से उनका वज़ीर के ओहदे जा सकता है। उन्होंने ददई दुबे को ही वजीरे आला से मिल कर उन्हें मनाने को कहा है।

ददई की राह मुश्किल

वजीरे आला के करीबी ज़राये की मानें, तो बैठक में हेमंत सोरेन ददई दुबे के मामले को लेकर काफी सख्त थे। इंतिख़ाब में सीट तय करने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने पहले ही कह दिया था कि ददई पर फैसला लिया जाये, इसके बाद ही सीटों पर बात होगी। बाद में एके एंटोनी के मुदाखिलत के बाद वह नरम पड़े और कौन किस सीट पर उम्मीदवार देगा, तय हुआ। बताया जाता है कि वजीरे आला 19 फरवरी से शुरू हो रहे एसेम्बली सेशन में वज़ीर को लेकर कोई फजीहत नहीं चाहते। यही वजह है कि उन्होंने ददई को हटाने तक की मुतालिबा कर दी है। फिलहाल कांग्रेस अभी डैमेज कंट्रोल में जुट गयी है।