दुबई, 17 नवंबर (यू एन आई) ख़लीज तआवुन कौंसल(जी सी सी ) ने शाम की दरख़ास्त पर अरब सरबराही इजलास तलब करने की दरख़ास्त पर अमलदरआमद को ग़ैर मुफ़ीद क़रार दिया है।
तंज़ीम के जनरल सैक्रेटरी अबदूल्लतीफ़ अलज़यानी ने कल कहा कि जी सी सी की सूची समझी राय है कि दमिशक़ की दरख़ास्त पर उस वक़्त अरब सरबराही इजलास मुनाक़िद करने का कोई फ़ायदा नहीं होगा।अलज़यानी ने जी सी सी के मौक़िफ़ का जवाज़ पेश करते हुए कहा कि अरब लीग शामी सूरत-ए-हाल पर मुसलसल नज़र रखे हुए है।
याद रहे कि शामी हुकूमत के हामीयों ने दमिशक़ में गुज़श्ता दिनों सऊदी अरब और क़ुतर के सिफ़ारतख़ानों पर हमले किए थी, इस पर शामी वज़ीर-ए-ख़ारजा वलीद अलमालम के सिवा किसी ने माज़रत नहीं की। कौंसल में छः मुलक सऊदी अरब, मुत्तहदा अरब इमारात, कुवैत, क़ुतर, उम्मान और बहरीन शामिल हैं।
इस से क़बल अरब लीग के जनरल सैक्रेटरी डाक्टर नबील अलारबी ने तसदीक़ की थी कि उन्हें शामी वज़ीर-ए-ख़ारजा वलीद अलमालम की दरख़ास्त मौसूल हुई है जिस में उन्हों ने शाम की सूरत-ए-हाल पर ग़ौर करने के लिए अरब लीग का हंगामी इजलास तलब करने की दरख़ास्त की है।
शामी अपोज़ीशन की नुमाइंदा क़ौमी कौंसल के वफ़द से मुलाक़ात के बाद नबील अलारबी ने बताया कि मैंने वलीद अलमालम का ख़त अरब के लीग के रुकन मुल्कों के सर बुरा हाँ तक पहुंचा दिया है। उन्हों ने वाज़िह कहा कि हंगामी इजलास तलब करने केलिए दस्तूर के मुताबिक़ पंद्रह रुकन मुल्कों की हिमायत दरकार है। शामी अप्पोज़ीशन वफ़द की क़ियादत बिसमा क़ज़मानी कर रहे थी।
दमिशक़ हुकूमत ने भी मंगल को रात गए ये ऐलान किया कि वो अरब।तर्क फ़ोर्म में शरीक नहीं होगी और ना ही चहारशंबा को मराक़िश के दार-उल-हकूमत रबात में शुरू होने वाले अरब लीग के वज़ारती इजलास में हिस्सा लेगी।
शाम के सरकारी ख़बररसां इदारे सिंह ने दमिशक़ हुकूमत के एक अहलकार के हवाले से बताया कि अरब लीग की जानिब से शाम की रुकनीयत मुअत्तल किए जाने के फ़ैसले के तनाज़ुर में इन दोनों मीटिंगों में शरीक ना होने का फ़ैसला किया गया है।
मंगल को शाम में एक हज़ार से ज़ाइद क़ैदीयों को रिहा भी किया गया ही।एक अंदाज़े के मुताबिक़ अब तक 3500 से ज़ाइद अफ़राद परतशद्दुद वाक़ियात की नज़र हुए हैं जिन में शहरीयों की बड़ी तादाद भी फायरिंग की ज़द में आकर अपनी जानों से हाथ धो बैठी है।