दम है तो बीजेपी बताये अपना सीएम : लालू

इत्तिहाद का ऐलान के बाद मंगल की रात दिल्ली से पटना लौटे राजद सरबराह लालू प्रसाद ने भाजपा को ललकारते हुए कहा नीतीश कुमार इस बड़ी इत्तिहाद के अगले वजीरे आला हैं। दम है, तो वह बताये कि उसका वजीरे आला कौन है? उन्होंने दावा किया कि एसेम्बली इंतिख़ाब में इत्तिहाद की जीत होगी और हुकूमत भी बनेगी।

राजद-जदयू के लीडरों की बयानबाजी पर रोक लगाते हुए लालू ने कहा कि अब तक दोनों पार्टियों की तरफ से जो भी बोला गया, उसको भुला देना है। अब मेरे इजाजत के बिना टेलीविजन पर भी कोई बयान देता है, तो उसको पार्टी से निकाल दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार का इंतिख़ाब पूरा मुल्क का इंतिख़ाब है। बीजेपी का जो चूहा बिल में घुस गया है, उसकी पूंछ पकड़ कर निकाल देंगे। राजद सदर ने कहा कि करपुरी ठाकुर के इंतेकाल के बाद ओपोजीशन का लीडर भी मुङो नीतीश कुमार ने ही बनवाया था।

लालू प्रसाद ने अपने सरकारी रिहाइशगाह पर कहा कि राजद-जदयू इत्तिहाद को लेकर हमने अपना पोजिशन पहले ही वाजेह कर दिया था। यह बिहार का इंतिख़ाब नहीं है। पूरा मुल्क बिहार को देख रहा है। आखिर हमलोग क्या कर रहे हैं। हम सभी एख्तिलाफ़ को भुला कर फासिस्ट और कम्युनल ताकतों के खिलाफ मुत्तहिद हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए कोई कहे कि वे जहर पी लें, तो मैं जहर पीने को भी तैयार हूं। जहर पीकर भी हम मरनेवाले नहीं हैं।

शंकर भगवान ने भी जहर पीया था। उन्होंने कहा कि तालमेल के ऐलान के पहले तरह-तरह की अफवाह चल रही थी कि दोनों के दरमियान किस तरह से काम बिगड़ जाये। बीजेपी की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि कसूर आवाम का नहीं था, कसूर हमारा था कि बीजेपी को मौका मिल गया। लोकसभा इंतिख़ाब का जैसे ही रिजल्ट आया, मैंने नीतीश कुमार से फोन पर बात की। नीतीश और हम नहीं फूटे रहते, तो 45 फीसद वोट आता। बीजेपी अफवाह उड़ा रही है कि लालू प्रसाद ने दबाव में यह कदम उठाया है। मैं किसी के दबाव में आनेवाला सख्श हूं क्या? जब बीजेपी फेल हो रही तो साक्षी महाराज से बयान दिला रही है कि मंदिर कब बनायेंगे। अब बीजेपी ठाकुर लोगों के पास जायेगी। राजनाथ सिंह को वजीरे आजम बनाने की अफवाह फैलायी थी। बीजेपी कभी यादव के पास जायेगी और कभी रामकृपाल तो कभी नंदकिशोर को वजीरे आला बनाने का लालच देगी। उन्होंने कहा कि यादव समाज हमेशा से सियासी जाति रहा है। उसके लीडर करपुरी ठाकुर और चौधरी चरण सिंह जैसे लोग रहे हैं। वह कभी बहकावे में नहीं आनेवाली है। सामाजिक इंसाफ की लड़ाई में सभी एक साथ हैं। बिहार का इंतिख़ाब मुल्क का इंतिख़ाब है।