दयाशंकर सिंह 14 दिनों के लिए जेल भेजे गये

बक्सर : बसपा अध्यक्ष मायावती पर अभद्र टिप्पणी करनेवाले यूपी भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को एसटीएफ व यूपी पुलिस ने शुक्रवार को बक्सर से गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद यूपी पुलिस ने उसे अपने साथ लेकर लखनऊ चली गयी. मऊ के सीजेएम कोर्ट में दयाशंकर सिंह की पेशी हुई. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

इलाहाबाद हाइकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद यूपी पुलिस उनकी गिरफ्तारी को लेकर लगी हुई थी. पुलिस को जैसे ही उनका लोकेशन बक्सर स्थित चीनी मिल के पास मिला, यूपी पुलिस और एसटीएफ ने बक्सर पुलिस से संपर्क किया. इसके बाद दयाशंकर सिंह के रिश्तेदार के यहां छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

बताया जाता है कि तीन दिन पहले उनका लोकेशन देवघर में पाया गया था. वह जल चढ़ाने बाबाधाम पहुंचे हुए थे. इसकी तसवीरें मीडिया में आयी थीं.पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के डर से दयाशंकर फरार चल रहे थे. वह कोर्ट में सरेंडर करने के फिराक में थे, इसके पहले ही यूपी पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. चूंकि दयाशंकर स‌िंह ने मायावती के ख‌िलाफ अपशब्द यूपी के मऊ में कहे थे, ल‌िहाजा एफआइआर मऊ ट्रांसफर कर दी गयी है. अब मऊ सीओ स‌िटी मामले की जांच करेंगे और दयाशंकर स‌िंह को मऊ एससी-एसटी कोर्ट में पेश किया जायेगा.

पत्नी के समर्थन में एक पोस्ट भारी पड़ा

दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह के समर्थन में दयाशंकर की एक चूक ने पुलिस को उनके गिरेबां तक पहुंचा दिया. पत्नी के समर्थन में फेसबुक पर डाले गये पोस्ट से उनका लोकेशन ट्रेस हो गया और पुलिस ने उन्हें बक्सर से गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तारी के लिए बनायी गयी थी टीम

मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में फरार चल रहे भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी को लेकर एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर पुनीत परिहार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था. टीम द्वारा सर्विलांस के आधार पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया गया. इसके पहले पुलिस पटना, देवघर में भी दबिश बनाये हुए थी. छापेमारी में बक्सर पुलिस के जवान भी शामिल थे.

गिरफ्तारी के बाद हुई कागजी कार्रवाई

यूपी पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी में काफी गोपनीयता बरती है. बक्सर पुलिस को भी यह पता नहीं था कि यूपी पुलिस दयाशंकर को गिरफ्तार करने आयी है. इनकी गिरफ्तारी के बाद कागजी कार्रवाई की गयी. दयाशंकर पर आइपीसी की धारा 504, 509, 153 ए और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की 3(1) के तहत धारा लगाया गया है.