हैदराबाद 07 जुलाई: आंध्र प्रदेश स्टेट वक़्फ़ बोर्ड की मीटिंग सदर नशीन सयद ग़ुलाम अफ़ज़ल ब्याबानी ख़ुसरो पाशाह की सदारत में मुनाक़िद हुआ।
मीटिंग में 26 ओक़ाफ़ी इदारों की कमेटीयों की तशलिल नौ की मंज़ूरी दी गई जबकि 8 ओक़ाफ़ी इदारों के लिए मुतवल्लियों के तक़र्रुर की दरख़ास्तों को मंज़ूरी दी गई।
ओक़ाफ़ी जायदादों के फ़रोग़ के लिए तामीरात की 4 दरख़ास्तों पर मशरूत इजाज़त दी गई और एक जायदाद को दर्ज औक़ाफ़ करने की दरख़ास्त को कुबूल किया गया।
बोर्ड कि मीटिंग में दरगाह हज़रत शाह अली अब्बास वाक़्ये कोकटपली को वक़्फ़ बोर्ड की रास्त निगरानी में लेने की क़रारदाद को मंज़ूरी दी गई।
याद रहे के मज़कूरा दरगाह की जायदाद का एक हिस्सा मेट्रो रेल पराजकट के लिए जी एच्च एम सी ने क़ानून हुसूल अराज़ी के तहत हासिल करलिया जिस के लिए मज़कूरा दरगाह के मुतवफ़्फ़ी मुतवल्ली के अरकान ख़ानदान ने अहाता दरगाह के मालिक-ओ-मुतसर्रिफ़ होने का दावा करते हुए 1.86 करोड़ रुपये एक्स गिरे शिया-ए-हासिल करलिया था।
बोर्ड के मीटिंग में बोर्ड के एक बरतरफ़ शूदा मुलाज़िम एस एम रज़ा ज़ैदी को बहाल करने की तजवीज़ को मोख़र करदिया गया। इस मुलाज़िम की बहाली के ख़िलाफ़ हज हाओज़ के अहाते में इसटकरस चस्पाँ करते हुए वक़्फ़ बोर्ड के इख़्तयारात पर सवाल उठाए गए थे।