पटना 22 जून : देहि इलाकों में चलनेवाली मंसूबों में लूट की कहानी तो पहले से बहस में रही है। लेकिन, अब इस लूट के जरिये देखते-देखते करोड़पति बन गये पंचायत नुमाय्न्दे हुकूमत के निशाने पर आ गये हैं।
रियासत भर में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे मुखियाओं को निशान देहि किया गया है, जिन्होंने आमदनी से ज्यादा जायदाद जमा की है। कल तक जो साइकिल या मोटरसाइकिल पर चलते थे, वे अब बड़ी-बड़ी गाड़ियों की सवारी कर रहे हैं। इन मुखियाओं के पास करोड़ों की जायदाद कहां से और कैसे आयी? इस पहलू की जांच हो रही है।
इसी की बुनियाद पर इनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पहले मरहले में अररिया, पूर्णिया, गया, औरंगाबाद व मुजफ्फरपुर जिलों में ऐसे मुखियाओं को निशान देहि किया गया है, जिन्होंने आमदनी के से ज्यादा जायदाद जमा की है। इनमें साबिक़ और मौजूदा मुखियाओं के अलावा नगर पर्षद व पंचायत कमेटी के अरकान के भी नाम शामिल हैं। निचले सतह पर इस तरह के बदउन्वानी की जांच का बोझ एक्तेसादी जुर्म कोषांग ने जिला पुलिस को सौंप दिया है। पूरे मामले की मॉनीटरिंग पुलिस हेड क्वार्टर कर रही है।
डीजीपी की हिदायत
डीजीपी अभयानंद ने एक्तेसादी जुर्म यूनिट दफ्तर में आला अफसरों के साथ खुसूसी बैठक कर कई हिदायत दिये हैं। एक्तेसादी जुर्म के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उन हक़ायक़ को सामने लाना है, जिनके बुनियाद पर साबित किया जा सके कि अजरत जायदाद आमदनी से ज्यादा है। बद उन्वानी के सहारे अजरत की गयी है।
पुलिस जराए के मुताबिक, डीजीपी ने कहा है कि सुपरवाइजरी कैडर के पुलिस अफसर छापेमारी के दौरान कागजात और सामान की जब्ती फेहरिस्त वगैरह तैयार करें। लेकिन, सीनियर अफसर इससे अलग हट कर नये हक़ायक़ निकालें, जिनके बुनियाद पर एक्तेसादी जुर्म व उससे अजरत जायदाद साबित की जा सके। अररिया के बाद जिला पुलिस ने बेतिया में दो मुखियाओं के खिलाफ आमदनी से ज्यादा एम्लाक अजरत करने का मामला दर्ज किया है।