दर्जनों फिलिस्तीनियों की मौत पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी हैरान करती है- एर्दोगन

सेमल रेजिट रे कॉन्सर्ट हॉल में ओलिव पीस पुरस्कारों के अंतर्राष्ट्रीय माउंट में बोलते हुए राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एर्दोगान ने कहा की फिलिस्तीनियों को पूरी दुनिया में उत्पीडित लोगों का प्रतीक माना जाता है क्योनी उन पर हो रहे अत्याचार,नरसंहार और अन्याय के कारण दुनिया के उत्पीड़ित लोगों में से एक है फिलिस्तीनी, इसलिए उन्हें इसका प्रतीक माना जाता है।

उन्होंने कहा की “अगर यह रिवर्स होता है, तो एक अंधेरा भविष्य हमारे लिए इंतजार कर रहा है, जिसमें से सभी अधिकार, स्वतंत्रता, और नैतिक और ईमानदार समाप्त हो गए हैं और जिसमें सिर्फ अत्याचार प्रचलित है।

उन्होंने आगे कहा की दर्जनों फिलिस्तीनियों की मौत पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी और हजारों फिलीस्तीनी लोगों को चोट लगने पर भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी आने वाले भविष्य का संकेत देती है जिसमें कोई भी व्यक्ति सुरक्षा में नहीं रहेंगे।

मिडिल ईस्ट मॉनिटर की खबरों के अनुसार एर्दोगान ने फिलीस्तीनियों की प्रशंसा की और कहा की “फिलिस्तीनियों ने वर्षों से अन्याय का सामना किया, जिन्हें मजबूरन रूप से उनके देश से विस्थापित कर दिया गया था और उनके अधिकारों और स्वतंत्रताओं के लिए फिलिस्तीनियों ने अपने रिश्तेदारों को खो दिया और उनके रिश्तेदार देश के लिए शहीद हो गए।

एर्दोगान ने फिलिस्तीनियों के लिए कहा की “एक बार फिर मै फिलिस्तीनी भाइयों से यह कहना चाहता हूँ की उनका कारण हमारा कारण है, उनका संघर्ष हमारा संघर्ष है, उनका प्रतिरोध हमारा प्रतिरोध है, और हम वादा कर रहे हैं कि हम अंत तक फिलिस्तीनियों के पक्ष में खड़े रहेंगे।

मिडिल ईस्ट मॉनिटर की खबरों के अनुसार एर्दोगान ने कहा की जेरुसलम शहर यहूदी, ईसाई और मुसलमानों का एक पवित्र शहर सह-अस्तित्व का प्रतीक है। उन्होंने कहा की ” फिलिस्तीन और यरूशलेम का बचाव करने का मतलब है की मानवता के इतिहास में जो अच्छा, सुंदर, सत्य और वैध है, उसका बचाव करना है।