दर्या की आलूदगी पर यू पी असेंबली से अपोज़ीशन का वाक आउट‌

यू पी असेंबली से आज अपोज़ीशन कांग्रेस और बी जे पी अरकान ने फ़ैक्ट्रीयों से छोड़े जाने वाले फ़ासिद मादों से दर्या के पानी के आलूदा होने के मुद्दे पर ऐवान से वाक आउट किया।

वकफ़ा-ए-सवालात के दौरान बी जे पी रुक्न सतीश मुहाना ने फ़ैक्ट्रीयों के ज़रिया छोड़े जाने वाले फ़ासिद मादों की वजह से दर्या के पानी में आलूदगी के मुद्दे को उठाया और हुकूमत से वज़ाहत तलब की कि आख़िर उसकी रोक थाम के लिए हुकूमत ने किया इक़दामात किए हैं।

वज़ीर शिव प्रताप यादव ने जवाब दिया कि नेशनल वाटर कवालेटी मॉनीट्रिंग प्रोग्राम के तहत दर्या के पानी के मेयार की हर माह 53 मुक़ामात पर जांच की जाती है और वाटर ( प्रेइ नेशन ऐंड कंट्रोल आफ़ पोलेविशन) ऐक्ट 1974 के तहत सनअतों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई है।

कांग्रेस रुक्न पंकज मलिक ने मग़रिबी यू पी में दर्या के पानी की जांच पड़ताल के लिए इक़दामात ना किए जाने की शिकायत करते हुए तशवीश का इज़हार किया। जवाब से मुतमइन ना होते हुए पंकज मलिक दीगर कांग्रेसी अरकान के साथ ऐवान के वस्त में पहुंच गए जबकि वज़ीर शिव प्रताप यादव ने कहा कि ऐसा मालूम होता है कि कांग्रेस अरकान दर्या के पानी की सफ़ाई के लिए संजीदा नहीं हैं और इस मुआमला पर सिर्फ़ सियासत कररहे हैं।

इस मौक़ा पर स्पीकर माता प्रसाद पांडे से कांग्रेस अरकान को अपनी नशिस्तों पर वापिस जाने की हिदायत की। उन्होंने कहा कि वकफ़ा-ए-सवालात के दौरान ऐवान के वस्त में आ जाने की कोई रिवायत नहीं है और अपोज़ीशन अरकान को इस बात का ख़्याल रखना चाहिए|

उसके फ़ौरी बाद कांग्रेस लेजिस्लेटिव पार्टी लीडर प्रदीप माथुर ने पार्टी वर्कर्स को अपनी नशिस्तों पर आने की हिदायत की अलबत्ता मलिक ने माथुर से अपनी नाराज़गी का इज़हार कर ही दिया और इसके बाद वो ऐवान से बाहर निकल गए जबकि थोड़ी देर बाद माथुर भी दीगर कांग्रेस अरकान केसाथ ऐवान से बाहर निकल गए।