दलितों के लिए रिज़र्वेशन पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आश्वासन, विपक्ष पर झूठे बयान का आरोप

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि दलितों के लिए रिज़र्वेशन पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं होगा और उनका हक कोई नहीं छीन सकता। उन्होंने विरोधियों पर इस मुद्दे पर झूठी बातें फैलाने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने वास्तुकार संविधान डॉ। बी आर अम्बेडकर का तुलनात्मक मार्टिन लूथर किंग किया जिन्होंने काले लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।आज यहां अंबेडकर मेमोरियल व्याख्यान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब तक हम सत्ता में हैं दलितों, आदिवासियों के लिए रिज़र्वेशन बरकरार रहेंगे फिर भी जनता को गुमराह करने के लिए झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब वाजपेयी प्रधानमंत्री बने यह अभियान चलाया गया कि रिज़र्वेशन समाप्त कर दिए जाएंगे।

वह दो कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री रहे और ऐसा कुछ नहीं हुआ। भाजपा ने मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा में कई साल से सत्ता में है लेकिन कोटा पॉलिसी पर एक खराश भी नहीं आई, फिर भी झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिन्हें केवल राजनीति से रुचि है वह अभी तक यह साबित करने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि ” कोटा ” दरअसल दलितों और वंचित वर्गों के ‘अधिकार’ है जिसे कोई छीन नहीं सकता। वह पहले भी यह बात कह चुके हैं कि अगर अम्बेडकर आज होते तो भी आप का अधिकार नहीं छीन सकते थे और बाबा साहब के आगे हमारे वास्तविकता क्या है। अंबेडकर नेशनल मेमोरियल लिए शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाया और उन पर इस समस्या के संबंध में भ्रम पैदा करने, झूठ बात कहने का आरोप लगाया।

ऐसा करने से उनके राजनीतिक हितों की पूर्ति होती है लेकिन इससे देश की सामाजिक संरचना कमजोर हो जाता है। प्रधानमंत्री ने ऐसे समय जबकि पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में चुनाव होने वाले हैं, रिज़र्वेशन का मुद्दा छेड़ दिया है और सरकार का रुख स्पष्ट करने की कोशिश की।उन्होंने बार बार यह सवाल किया कि ऐसा करने के लिए 60 साल क्यों लग गए? उन्होंने याद दिलाया कि अंबेडकर ने बतौर कानून मंत्री हिन्दू कोड बिल पर पर्याप्त समर्थन के अभाव की वजह जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था। हिन्दू कोड बिल विकास की दिशा कोशिश थी जिसका उद्देश्य हिंदू पर्सनल लॉ में सुधार और सुधारों के जरिए महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों जैसे संपत्ति में समान अधिकार प्रदान करना था।

उन्होंने केवल अम्बेडकर को दलितों का ” मसीहा ‘करार दिए जाने को भी अन्याय करार देते हुए कहा कि वह सभी बिछड़े और वंचित वर्गों की आवाज थे और वह एक विश्व व्यक्तित्व था और उन्होंने अंबेडकर तुलना नागरिक अधिकारों के अग्रदूतों मार्टिन लूथर किंग किया। मोदी ने उनकी सरकार की ओर से अंबेडकर भारत की नौसैनिक शक्ति से संबंधित विचारों पर आधारित वाटर वेज़ बिल  संसद में पेश किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 60 साल के दौरान इस संबंध में कोई काम नहीं किया था।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब के कुछ भक्त अब सरकार में आ चुके हैं और अंतर स्पष्ट तौर दिख रहा है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर भारी आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि यक़ीनन शिकस्त को स्वीकार करना मुश्किल होता है। उनका इशारा 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की ओर था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमें पसंद नहीं है जो हमें देखना भी गवाराह नहीं करते। हमें देखते ही उन्हें बुखार आ जाता है और बुखार में किसी का भी मानसिक संतुलन खोजाता है। यही कारण है कि वह हर तरह की झूठी और संदेह पैदा करने वाली बातें करते रहते हैं जिन्होंने 60 साल तक कोई काम नहीं किया उन्होंने ही हमें यह काम करने का मौक़ा दिया है और हम इस तरह के काम जैसे 26 अलीपुर रोड पर मेमोरियल निर्माण पर गर्व महसूस करते हैं।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहली बार देश का प्रधानमंत्री अंबेडकर मेमोरियल व्याख्यान दे रहा है जो छठी बार आयोजित किया जा रहा है। कांग्रेस का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कई बार विपक्ष की आलोचना का निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि 60 साल के दौरान अंबेडकर को जिस तरह भूल गया यदि ऐसा न होता तो समाज में आज जो समस्या होती है वह भी न होते। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जब तक सत्ता में रही अंबेडकर को भुला दिया और अब हमें ठोस काम करने का मौका मिला है।