दलितों पर मज़ालिम के ख़ातियों को सज़ा देने रियासतों को मर्कज़ की हिदायत

नई दिल्ली 12 अगस्त: दलितों पर मज़ालिम की वजह से तन्क़ीद का निशाना बनी हुई मर्कज़ी हुकूमतों ने रियासतों से कहा कि वो दलितों पर मज़ालिम के ख़ातियों को मुनासिब सज़ा दें। इस मौज़ूं पर मबाहिस के दौरान लोक सभा में तहरीरी जवाब देते हुए मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने कहा कि बाज़ ग़ैर समाजी अनासिर गाय की हिफ़ाज़त के बहाने एसी नफ़रतअंगेज़ सरगर्मीयों में शामिल हो रहे हैं। मैं तमाम रियासती हुकूमतों से अपील करता हूँ कि मुम्किना हद तक उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाये।

उन्होंने कहा कि एसी ज़हनीयत जिसके नतीजे में एसे मज़ालिम होते हैं एक बड़ा चैलेंज है। मबाहिस कांग्रेस और बाएं बाज़ू पार्टीयों के अरकान के शऊर-ओ-गुल और वाक आउट की वजह से दागदार हो गए क्युं कि उन्होंने दावा किया था कि मोदी हुकूमत के इक़तिदार पर आने के बाद से इस किस्म की वारदातों में इज़ाफ़ा हो गया है। अपने दावत के सबूत के तौर पर उन्होंने आदाद-ओ-शुमार पेश करते हुए कहा कि 2013 में दलितों पर 39346 मज़ालिम के वाक़ियात हुए थे जबकि 2014 में उनकी तादाद 40300 , 2015 में 38564 हो गई थी।

अप्पोज़ीशन के इल्ज़ाम पर के हुकूमत दलितों के लिए काफ़ी कार्रवाई नहीं कर रही है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आप 55 साल में जो नहीं करसके मौजूदा हुकूमत ने 2 साल में कर दिखाया है।

उन्होंने अप्पोज़ीशन से सवाल किया कि क्या साबिक़ वुज़राए आज़म 1947 के बाद हर मसले पर इज़हारे ख़याल किया करते थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि मौजूदा वज़ीर-ए-आज़म कार्रवाई के लिए शौहरत रखते हैं , बातों के लिए नहीं।एम वेंकया नायडू और विलास पासवान ने भी मबाहिस में मुदाख़िलत की जो 6 घंटे तक जारी रहे। उन्होंने कहा कि आपने अम्बेडकर की जो दलितों के मसीहा थे, तौहीन करने में कोई कसर उठा नहीं रखी। इस पर कांग्रेस अरकान ने पुरशोर एहतेजाज किया।