भोपाल: दलित आईएएस ओहदेदार शशी कर्णावत जो जालसाज़ी के एक मामले के सिलसिले में मुअत्तल हैं जल समाधी लेकर 2 फ़रवरी को ज़िला खडवा के दरया नर्मदा में अपनी ज़िंदगी के ख़ातमे का फ़ैसला मंसूख़ कर दिया।
उनकी तरफ से प्रेस कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए एक और दलित आईएऐस ओहदेदार ने कहा कि रियासती वज़ीर फाइनेंस जयंत मालिया कर्णावत के मौन व्रत पर 31 जनवरी से बैठने के बाद मुसलसल रब्त पैदा किए हुए हैं। क्योंकि उन्होंने जल समाधी लेने का ऐलान किया है। उनकी बहाली और तनख़्वाह में इज़ाफे के लिए मांग जारी है