वजीरे आला जीतन राम मांझी ने मंगल को “विकास मित्रों” के कोन्फ्रेंस में असल बाशिंदों का मुद्दा फिर उछाला। उन्होंने कहा कि दर्ज़ फेहरिस्त ज़ात यहां के असल बाशीदे हैं और इसी तबके में इंतेहाई पसमानदा ज़ात भी आते हैं।
दलित, आदिवासी और इंतेहाई पसमानदा तबके सगे भाई हैं। बाकी सारे दोस्त हैं। दोस्तों का भी तरक़्क़ी होगा, लेकिन सगे भाइयों की बात कुछ और है। उन्होंने पासवान जाति को गोतिया बताया।
वजीरे आला यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अगर इससे किसी को पेट में दर्द हो रहा है, तो अतड़ी निकाल लें। विकास मित्रों से बोले, इन बातों पर जो जले, उसको और जलाओ। जब गांधी मैदान में आप लोगों की मौजूदगी चार लाख की होगी तो जलनेवालों का कलेजा का भी ऑपरेशन कराना होगा। उन्होंने कहा कि करोड़पति बनने और सिर्फ तालीम याफ़्ता होने से काम नही चलने वाला। सियासत में पकड़ बनाओ। बिहार की सियासत जब एससी-एसटी के इशारे पर चले, तब वह दिन अच्छा युग होगा। हमारा और राज किसी और का, नहीं चलेगा।
एससी-एसटी और इंतेहाई पसमानदा मिल कर 57%
वजीरे आला ने कहा, दर्ज़ फेहरिस्त ज़ात और जनजाति की आबादी 22 फीसद है और 35 फीसद इंतेहाई पसमानदा का। यानी हम सब मिल कर 57 फीसद होते हैं। अकलियत, इंतेहाई पसमानदा और एससी-एसटी सब मिल कर चलें तब ही सबका बोहबुद होगा। मांझी ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि 36 इंच का सीना है। 36 इंच का सीना तो नीतीश जी का है, जिन्होंने महादलित तरक़्क़ी मिशन बनाया। उन्होंने तरक़्क़ी पसंद दोस्तों से कहा, मैं किसी से नहीं डरता। तुम लोग जान लो, हमारे घर में कोई देवी-देवता का फोटो नहीं है। हमारे चैंबर में एक फोटो सिर्फ नीतीश कुमार का है। उन्होंने कहा कि हम यहां के असल बाशिंदा हैं। हमें राजा का हक है। हम चौकन्ना हों,तो हमारा 1500 मुखिया होगा। नीतीश कुमार ने अदालत की परवाह किये बगैर मुक़ामी निकाय इंतिख़ाब में एकल ओहदे पर रिज़र्वेशन दिया। इसकी वजह से आज 1400 एससी-एसटी मुखिया चुन कर आये हैं। उन्होंने कहा, हम पासवान भाई से कहते हैं कि तुम तो गोतिया हो। ज्यादा चालाक हो। इस जाति से 650 मुखिया हैं।