दलित-मुस्लिम एकता का शानदार प्रदर्शन: औरंगाबाद में दलितों की बहुजन क्रांति रैली

औरंगाबाद: औरंगाबाद में बहुजन क्रांति समिति की ओर से निकाली गई बहुजन क्रांति रैली में मानव सरों का सैलाब नज़र आया. एक लाख से अधिक लोगों ने इस रैली में भाग लिया. इस रैली में दलित-मुस्लिम एकता का शानदार प्रदर्शन भी देखने को मिला. रैली के माध्यम से दलितों को सुरक्षा प्रदान करने वाले एट्रोसिटी अधिनियम को अधिक सख्त बनाने की मांग की गई.
साथ ही मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भी आवाज उठाई गई मुसलमानों को आरक्षण देने की मांग की गई. इसके अलावा आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम युवकों के एनकाउंटर के विरुद्ध एकजुट हो कर आवाज उठाने पर जोर दिया गया.

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प्रदेश 18 के अनुसार, महाराष्ट्र में एक तरह से रैलियों का सीजन चल रहा है. मराठा आरक्षण के नाम पर मराठा वर्ग ने शक्ति का प्रदर्शन किया था, और एट्रोसिटी अधिनियम के खिलाफ आवाज भी बुलंद की थी.औरंगाबाद के इस बहुजन क्रांति रैली को इसी का करारा जवाब बताया जा रहा है.
रैली में कहा गया कि मुस्लिम समुदाय गरीब है, शिक्षा और सरकारी नौकरियों में उनका अनुपात कम है, इसलिए सच्चर कमेटी की सिफारिशों की रोशनी में मुसलमानों को आरक्षण दिया जाए, और उनकी विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाए. इस मौके पर पुलिस कमिश्नर अमतेश कुमार को अपनी मांग से संबंधित एक ज्ञापन भी पेश किया गया. ज्ञापन में शामिल मांगों में मुसलमानों को पिछड़ेपन के आधार पर शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देने की मांग भी की गई.
रैली में शामिल लोगों ने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट के तहत अदालतों में लंबित मामलों में सजा का अनुपात मात्र पांच प्रतिशत है, जबकि पंचानवे प्रतिशत बरी हो जाते हैं. इसका मतलब यह हुआ कि पुलिस पीड़ितों का पक्ष सही ढंग से नहीं रखती.