मुंबई: अब जब कि दलित स्कालर रोहित वेमुला की ख़ुदकुशी वाक़िये पर एहतेजाज का सिलसिला जारी है। शिवसेना ने आज कहा है कि इस मसले पर मज़ीद सियासी गर्मागर्मी पैदा होने का अंदेशा है। जिसके नतीजे में पार्लियामेंट के बजट इजलास में इसकी गूंज सुनाई देगी और ऐवान की कार्यवाई फिर एकबार मफ़लूज हो सकती है।
शिवसेना के तर्जुमान सामना के ईदारिया में कहा गया है कि पार्लियामेंट के बजट इजलास के लिए सिर्फ15 दिन दिन बाक़ी रह गए हैं। और ये इमकान है कि मुकम्मल इजलास रोहित वीमला की ख़ुदकुशी वाक़िये के नज़र हो जाएगी। उत्तरप्रदेश में भी असेम्बली इंतेख़ाबात की आमद आमद है।
सियासी मक़ासिद के लिए ख़ुदकुशी का तनाज़ा उठाया जा सकता है। वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी ने रोहित की मौत पर रंज-ओ-ग़म का इज़हार किया है और ये रिमार्क किया है कि हमने एक धरती पुत्र सपूत खो दिया है। दलित स्कालर के ख़िलाफ़ एक बीजेपी लीडर के बयान पर तन्क़ीद करते हुए हुकमरान इत्तेहाद की हलीफ़ जमात ने कहा कि पार्टी हाईकमान को ये वज़ाहत करनी चाहिए कि मुतवफ़्फ़ी स्टुडेंट धरती पुत्र था या दहशतगरदों का हामी था।
शिवसेना ने ये सवाल किया कि मर्कज़ी वज़ीर की मदाख़िलत के बाद तादीबी कार्रवाई के नाम पर वीमला को यूनीवर्सिटी से ख़ारिज कर दिया गया। लेकिन उन्हें नुक़्ता-ए-नज़र पेश करने का मौक़ा क्यों नहीं दिया गया। सामना में कहा गया कि हमारे मुल्क में आसाम के उल्फ़ा के साथ मुज़ाकरात और नागालैंड की अस्करीयत पसंद तन्ज़ीमों के साथ मुआहिदे, मौस्टों से मुशावरत और मसअला-ए-कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ बातचीत की गई हती कि मुंबई सिलसिला-वार बम धमाकों 1993) केस के मुल्ज़िम याक़ूब मैमन को फांसी देने से क़बल सुप्रीमकोर्ट ने नसफ़ शब को ख़ुसूसी इजलास मुनाक़िद किया था। जिसके पेश-ए-नज़र ये सवाल उठता है कि रोहित वेमुला को भी नुक़्ता-ए-नज़र पेश करने का मौक़ा क्यों नहीं दिया गया।