दस्तानों पर सीव ग़ज़ा लिखने वाले मलेशयाई अथीलीट के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात

ग़ज़ा में इसराईली बरबरियत की गूंज कॉमनवेल्थ गेम्स तक जा पहुंची। मलेशिया के मारूफ़ साईकलिस्ट अज़ीज़ अलहसनी ने चैंपियनशिप को ग़ज़ा में ज़ुल्म-ओ-सितम के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने के लिए इस्तिमाल किया। उन्होंने इस मौक़ा पर पहने हुए दस्तानों पर सीव ग़ज़ा(ग़ज़ा की हिफ़ाज़त) के अलफ़ाज़ तहरीर कर रखे थे।

ये बात कॉमनवेल्थ गेम्स फ़ैडरेशन के इल्म में आ नेपर हंगामा मच गया और 26 साला साईकलिस्ट के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात की गई कि उन्हों ने मुक़ाबलों को सियासी मक़ासिद के लिए इस्तिमाल किया है। अलबत्ता अज़ीज़ अलहसनी ने वज़ाहत की कि वो सिर्फ़ इंसानी हम्दर्दी की बुनियाद पर ग़ज़ा का मसला दुनिया के सामने उजागर करना चाहते थे।

गेम्स हुक्काम अज़ीज़ अलहसनी पर इल्ज़ाम साबित होने की सूरत में भारी जुर्माना आइद करसकते थे लेकिन उन्हें ये इंतिबाह देने पर इकतिफ़ा किया गया कि वो आइन्दा मज़कूरा दस्ताने नहीं पहनेंगे और ये दस्ताने इस्तिमाल किए गए तो उन्हें मुक़ाबलों में शिरकत की इजाज़त दे दी गई है|