दस्तावेज़ात के मुआइने केलिए संजीव भट्ट की दरख़ास्त

जस्टिस जी पी नानावती कमीशन जू 2002 के गुजरात फ़सादाद की तहकीकात कर रहा है। मुअत्तल आई पी एस ओहदेदार संजीव भट्ट की दरख़ास्त की कल समाअत करेगा। बाद अज़ां फैसला किया जाएगा कि उन्हें बाअज़ दस्तावेज़ात तक रसाई फ़राहम की जाय यह नहीं जो हुकूमत गुजरात ने दाख़िल की है ।

गुजरात हाइकोर्ट के संजीव भट्ट की दाख़िल करदा दरख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा के बारे में फैसले के पेश नज़र रियासती हुकूमत ने चंद दस्तावेज़ात 2002 के गुजरात फ़सादाद के बारे में नानावती कमीशन ने दाख़िल की है। संजीव भट्ट ने इन में से चंद दस्तावेज़ात तक रसाई फ़राहम करने की दरख़ास्त 10 साल बाद पेश की है ।

ये दस्तावेज़ात यह तो खु़फ़ीया यह राज़ की दस्तावेज़ात क़रार दी गई है। 47 दस्तावेज़ात में से संजीव भट्ट के अदा-ए-के बमूजब 17 दस्तावेज़ात पेश नहीं की गई थीं। 25 को खु़फ़ीया यह राज़ की क़रार दिया गया है जबकि संजीव भट्ट को सिर्फ पाँच दस्तावेज़ात का मुआइना करने की इजाज़त दी गई है।

अदालती कमेटी ने भट्ट को एक नोट रवाना करते हुए उन्हें इत्तिला दी है कि इस सिलसिले में दीगर (5 दस्तावेज़ात) जो रियासती हुकूमत ने खु़फ़ीया यह राज़ की क़रार दी हैं और बयान किया है कि इन का इन्किशाफ़ किसी भी शख़्स के सामने नहीं किया जा सकता। कमीशन ने संजीव भट्ट को इत्तिला दी है कि चूँकि रियासती हुकूमत ने इन दस्तावेज़ात का किसी भी शख़्स के सामने इन्किशाफ़ ना करने की गुज़ारिश की है

इस लिए इस बारे में फैसला संजीव भट्ट और रियासत के ब्यानात की 29 अक्तूबर को समाअत के बाद सुनाया जाएगा।कमीशन रीटाइरड जस्टिस जी आई नानावती और जस्टिस अकशए महित पर मुश्तमिल है। गुजरात की रियासती हुकूमत ने उसे गुजरात फ़सादाद की तहकीकात केलिए मुक़र्रर किया है ।